इसी फोर्ड गाड़ी पर रांची में सवारी की थी महात्मा गांधी ने, लाल बहादुर शास्त्री स
रांची: महात्मा गांधी की यादें और उनकी विरासत से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थान और वस्तुएं आज भी हमें आजादी की लड़ाई के संघर्ष की याद दिलाते हैं. झारखंड की राजधानी रांची भी महात्मा गांधी के कनेक्शन से अछूती नहीं है. गांधीजी कई बार रांची आ चुके हैं, और उनमें से एक यादगार क्षण तब था जब उन्होंने 1940 में कांग्रेस के महाधिवेशन में भाग लेने के लिए रांची में एक फोर्ड कार में सफर किया. यह कार आज भी रांची में आदित्य विक्रम जायसवाल और रांची डिस्टलरी द्वारा ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित की गई है.
महात्मा गांधी का ऐतिहासिक सफर:
महात्मा गांधी ने 1940 में रामगढ़ में आयोजित कांग्रेस के महाधिवेशन में इसी फोर्ड कार से सफर किया था. यह कार उस समय रांची की सबसे शानदार गाड़ियों में से एक थी, जिसे राय साहब लक्ष्मी ने चलाया था. उस समय इस कार की शान और भव्यता इसे खास बनाती थी. मनीष, जो इस कार के वर्तमान केयरटेकर हैं, बताते हैं कि इस कार को आज भी बेहद सावधानी से संजोकर रखा गया है. हर साल इसकी डेंटिंग-पेंटिंग और सर्विसिंग होती है, जिससे यह कार एकदम नई जैसी दिखती है. यह कार 90 साल पुरानी है और इसका रखरखाव इसे एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में बनाए रखने में मदद करता है.
महात्मा गांधी के अलावा अन्य बड़े नेता:
महात्मा गांधी के अलावा, इस फोर्ड कार में कई और प्रमुख हस्तियों ने भी सफर किया है. इनमें भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन शामिल हैं. इन सभी महान हस्तियों ने इस कार की सवारी की है, जिससे यह कार और भी खास बन जाती है.
रांची की धरोहर और गर्व:
रांची में मौजूद यह फोर्ड कार न केवल महात्मा गांधी से जुड़ी यादों को संजोए हुए है, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम और उस दौर की प्रमुख हस्तियों के योगदान की भी गवाह है. यह कार आज भी लोगों को उस समय की याद दिलाती है, जब हमारे देश के नेता स्वतंत्रता की लड़ाई में जुटे थे. इस कार को देखने के लिए हर साल सैकड़ों लोग आते हैं, जो इसे ऐतिहासिक और भावनात्मक महत्व का प्रतीक मानते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 2, 2024, 13:31 IST