नागौर. राजस्थान में इस बार नवंबर के महीने में भी गर्मी ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसके कारण इस बार रबी की फसलों की बुवाई में भी देरी हो रही है. राजस्थान में इस बार नवंबर के महीने में तापमान 34 डिग्री बना हुआ है. रबी फसल के लहाज से लगभग 7 डिग्री तापमान अधिक है. दरअसल, इस बार रबी सीजन की बुवाई का लक्ष्य 2.68 लाख हेक्टेयर था, जो पिछली साल से करीब 68 हजार ज्यादा रहा. अक्टूबर में 95 हजार हेक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी. वहीं, अब तक करीब 1.40 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. जबकि नवंबर में ये लक्ष्य पूरा हो जाता है.
2.68 लाख हेक्टेयर बुवाई का रखा है लक्ष्य
मौसम अनुकूल नही रहने के चलते रबी फसलों की बुवाई पर असर पड़ रहा है. नागौर में अभी भी करीब 1.28 लाख हेक्टेयर में बुवाई बांकी है. क्षेत्र के करीब 55 हजार बीघा में फसलें अंकुरित होने से पहले ही जल गई. नतीजतन 30 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार बुवाई में किसानों को झेलना पड़ेगा. किसानों के अनुसार फसल जल जाने के चलते प्रति बीघा 5 हजार रुपए तक का नुकसान हो रहा है. उल्लेखनीय है कि रबी सीजन की फसलों में जीरा, तारामीरा, चना, सरसों, इसबगोल, गेंहू, जौ सहित अन्य फसलों की बुवाई चल रही है. इनमें से गेहूं और सरसों की बुवाई का आंकड़ा ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये दोनों फसलें खाद्य सुरक्षा के लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
वेदर की ड्राई से नवंबर में भी पड़ रही गर्मी
मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि इस बार सर्दी के असर में देरी होने के पीछे मुख्य कारण पिछले करीब एक महीने से कोई पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होना है. वहीं, पहाड़ों पर भी अभी तक बर्फबारी नहीं हुई है. इन दिनों ड्राई वेदर चल रहा है, जिसके चलते तापमान में अभी तक ज्यादा गिरावट नहीं देखने को मिल रही है. लेकिन, अब आगामी एक सप्ताह में तापमान में 1-2 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है. इसके बाद से धीरे-धीरे तापमान में गिरावट होने लगेगी. वहीं, पिछले दस साल में हमेशा नवंबर में अधिकतम तापमान 24 से 28 डिग्री के बीच ही रहा है. लेकिन, इस बार 34 से 37 डिग्री तक तापमान रहा है. वहीं, न्यूनतम तापमान में 18 डिग्री तक दर्ज किया गया.
तापमान अधिक रहने से बीज के अंकुरण पर खतरा
कृषि विभाग सहायक निदेशक शंकर राम सियाग ने बताया कि रबी की फसलों की बुवाई का लक्ष्य पूरा होने में समय लग रहा है, क्योंकि इस साल तापमान अधिक है और सर्दी का असर अब तक कम है. तापमान में उतार-चढ़ाव चल रहा है. वहीं, दूसरी ओर खरीफ की फसलें देर से पकने के बाद कटाई हुई, जिस कारण से खेत भी देर से खाली हुए. इसलिए, रबी की बुवाई में देरी हो रही है. सियाक के अनुसार रबी फसलों के बीज को अंकुरित होने के लिए 30 डिग्री से कम तापमान की जरूरत होती है. लेकिन, पारा 34 व 35 डिग्री तक होने से बीज अंकुरित नहीं हो पा रहे है. सरसों की जहां फसलें बोई गई है, उन खेतों में सिंचाई की अधिक जरूरत पड़ रही है, क्योंकि नमी नहीं होने से बीज खतरें में रहता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 08:41 IST