रिवर्स माइग्रेशन से ऑर्गेनिक खेती कर विदेशों में धूम मचा रहा ये किसान

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Agency:News18 Uttarakhand

Last Updated:January 24, 2025, 22:41 IST

Organic farming tips : सात साल पहले दिल्ली से अल्मोड़ा आए और खेती में करने लगे नए-नए प्रयोग.

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ऑर्गेनिक

ऑर्गेनिक खेती कर विदेशों में पहाड़ी उत्पादों को भेज रहे हैं संजीव बिष्ट

हाइलाइट्स

  • दिल्ली छोड़कर अल्मोड़ा में ऑर्गेनिक खेती शुरू की.
  • महिलाओं को क्लस्टर में जोड़कर रोजगार प्रदान किया.
  • उत्तराखंड के उत्पाद विदेशों में निर्यात किए जा रहे हैं.

देहरादून. पहाड़ की मिट्टी से जुड़े संजीव कई साल बाद दिल्ली से अल्मोड़ा लौटे और कमाल कर दिया. एक कमाल तो उनका जमी जमाई दिल्ली की जिंदगी छोड़कर वहां से लौटना रहा और दूसरा कमाल अल्मोड़ा आकर खेती करने लगना. ऐसे ही कहानी है संजीव बिष्ट की. दिल्ली में जन्म लेने के बावजूद उत्तराखंड से जुड़े संजीव ने 50 साल दिल्ली में गुजारे, वहां नौकरी की लेकिन सात साल पहले वे अपने पैतृक घर लौटे. ग्राम पंचायत से 400 नालियां जमीन ली, जो बंजर थी, महिलाओं को कलस्टर के रूप में जोड़ा. आज वे उत्तराखंड के आर्गेनिक उत्पादों कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और दुबई जैसे देशों में बेच रहे हैं. उनके साथ महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है.

संजीव बिष्ट ने लोकल 18 से कहते हैं कि उनके पिता उत्तराखंड से ही थे, जिनकी दिल्ली में नौकरी लगी और वो वहीं शिफ्ट हो गए. संजीव का जन्म और शिक्षा दिल्ली में ही हुई. संदीप भी दिल्ली में ही नौकरी करने लगे, लेकिन सात साल पहले अल्मोड़ा लौट आए और यहां ऑर्गेनिक फार्मिंग पर काम करना शुरू कर दिया. क्लस्टर के रूप में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जोड़ा और ‘कृषक ऑर्गेनिक’ नाम से स्टार्टअप शुरू कर दिया. वे खुद भी पहाड़ी और आर्गेनिक उत्पादों को तैयार करते और महिलाओं की मदद से इनकी प्रोसेसिंग करते. संजीव उत्तराखंड के मोटे अनाज, राजमा, मसाले और माल्टे जैसे फल आदि पर काम करते हैं. उन्होंने उत्तराखंड ऑर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड से अपनी जमीन का सर्टिफिकेशन भी करवाया.

पहाड़ी अनाज की ज्यादा डिमांड

संदीप बिष्ट बताते हैं कि ग्राम सभा से उन्होंने लगभग 400 नाली जमीन लीज पर ली, जो लगभग बंजर थी. वहां उन्होंने पहाड़ से जुड़े उत्पाद जैसे दालें, मसाले और मोटा अनाज जो लगभग विलुप्त होने की कगार पर हैं उनकी खेती शुरू कर दी. खेती के बाद उनकी पैकेजिंग महिलाओं से करवाई जाती है और इसके बाद कृषक ऑर्गेनिक स्टोर पर इन्हें बेचा जाता है. संदीप बिष्ट बताते हैं कि उनके साथ लगभग 87 लोग जुड़े हुए हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. उन्होंने बताया कि विदेश में उत्तराखंड के पहाड़ी अनाज की बहुत ज्यादा डिमांड है. वे महिला स्वयं समूहों को बीज देते हैं जो उन्हें उगाती हैं. उनके उत्पाद  भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दुबई और मलेशिया तक निर्यात किए जाते हैं.

Location :

Dehradun,Dehradun,Uttarakhand

First Published :

January 24, 2025, 22:41 IST

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