रोहतास: ताराचंडी का है खास महत्व, बढ़ रही है यहां के अखंड दीपों की संख्या

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रिपोर्ट- ज्ञानेंद्र सिंह

रोहतास: नवरात्रि का पर्व हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर भक्त अपने श्रद्धा और विश्वास के अनुसार देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं. सभी जगहों पर मां दुर्गा के अलग-अलग स्थान और मंदिर प्रसिद्ध हैं. बिहार की बात करें तो वहां के रोहतास जिले में स्थित सासाराम की मां ताराचंडी का विशेष महत्व है. यह स्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. हर साल यहां हजारों भक्त एकत्रित होते हैं. मां ताराचंडी की दिव्य शक्तियों के प्रति लोगों की अटूट आस्था है जो इसे एक अद्भुत धार्मिक स्थल बनाती है.

नवरात्रि के दौरान यहां के भक्त मां ताराचंडी के दरबार में अखंड दीप जलाने की पुरानी परंपरा का पालन करते हैं. यह परंपरा सदियों पुरानी है जिसमें भक्त श्रद्धा के साथ दीप जलाते हैं और कई दिन तक अनवरत भक्ति करते हैं. इस दौरान श्रद्धालु पूरे मनोयोग से मां की आराधना करते हैं और अपने परिवार के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं. अखंड दीप जलाने का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भक्तों के लिए एक सांस्कृतिक अनुष्ठान भी है.

इस वर्ष भी नवरात्रि के पहले दिन से ही भक्त मां ताराचंडी के दरबार में पहुंचकर दीप जलाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं. पर्व की पहली रात से ही यहां की वादियों में भक्ति का माहौल बन जाता है. हर सुबह भक्तजन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और मां के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए एकत्र होते हैं. स्थानीय लोग भी अपने घरों में दीप जलाकर मां की कृपा पाने का प्रयास करते हैं. यह अनोखा दृश्य होता है जहां हर ओर दीपों की रोशनी और भक्तों की भक्ति का ज्वार होता है.

कैमूर पहाड़ी की वादियों में स्थित मां ताराचंडी का मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य के बीच एक अद्भुत स्थल है. मंदिर परिसर में हर साल नवरात्रि के दौरान भव्य सजावट की जाती है और भक्त माता की भक्ति में लीन होकर सामूहिक भजन-कीर्तन करते हैं. भक्तों की आस्था को देखते हुए प्रशासन भी हर साल विशेष व्यवस्थाएं करता है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो.

मां ताराचंडी की महिमा का स्थानीय जनजीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है. इस अवसर पर लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियों का आदान-प्रदान करते हैं. यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है. नवरात्रि के इस पावन पर्व पर जब भक्तजन अखंड दीप जलाते हैं तो वे मां ताराचंडी से सभी के कल्याण और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

पुजारी गौरी शंकर पांडे ने भी बताया कि मां तारा चंडी धाम में नवरात्रि के दौरान अखंड दीप का विशेष महत्व है. पहले यहां अखंड दीपों की संख्या कम थी, लेकिन जैसे-जैसे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती गईं वैसे-वैसे उनकी संख्या बढ़ती गई. आज यहां दो रूम में अखंड दीप जलाए जा रहे हैं और श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक है कि जगह कम पड़ रही है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और मां जगदंबा सभी भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करने में सहायता करती हैं.

इस प्रकार, कैमूर पहाड़ी की वादियों में मां ताराचंडी का यह पर्व हर साल एक नई उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जो हर भक्त के लिए एक अनमोल अनुभव होता है.

Tags: Local18, Navratri festival

FIRST PUBLISHED :

October 8, 2024, 17:54 IST

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