नई दिल्ली. कृष्णा ठाकुर सुबह-सुबह नींद से उठा था, नींद पूरी तरह से टूटी नहीं थी, घर वालों से चाय बनाने के लिए बोलकर बाहर आ गया. वहां गांव के लोग आपस में बातें कर रहे थे. कुछ शब्द कृष्णा के कानों तक पहुंचे. इसके बाद तो उसकी नींद फुर्र हो गयी. वो भागकर रेलवे ट्रैक पर पहुंचा और फौरन रेड पिलर लगा दिए. इसके बाद उसने इंचार्ज को सूचना देकर ट्रेन को रुकवाया. इस तरह एक बड़ा ट्रेन हादसा होने से बच गया. जी हां, यहां बात कर रहे हैं झारखंड के साहिबगंज में फरक्का- ललमटिया एनटीपीसी की टूटी लाइन संबंध में, जहां ट्रेन हादसा बच गया. आइए जानें किसने बचाया हादसा.
कृष्णा ठाकुर ने न्यूज18 हिन्दी को बताया कि वो रेलवे में ब्लैकस्मिथ (लोहार) के पद है. 2 अक्तूबर की सुबह उठा, लेकिन नींद पूरी तरह से खुल नहीं रही थी. काफी देर तक बिस्तर पर लेटा रहा, इसके बाद परिजन से चाय बनाने को बोला और घर से बाहर बैठ गया. चाय का इंतजार कर रहा था, तभी उसको गांवों वालों की सुखर- फुसर सुनाई दी. उसने ध्यान देकर सुना तो उसे रेलवे ट्रैक से जुड़ी कोई बात सुनाई दी. वो और थोड़ा करीब गया. तो समझ में आया कि गांव के पास गुजर रहे ट्रैक को 700 मिमी उड़ा दिया गया है. उसी समय कोयले से लदी एक मालगाड़ी के गुजरने का टाइम हो रहा था.
इस तरह दिखाई सूझबूझ
परिजन चाय लेकर बाहर आ गए. वो बगैर कुछ बोले भागकर घर के अंदर गया और बाइक की बाची व रेड पिलर उठाया. परिजन पूछते रहे कि लेकिन वो बगैर समय गंवाए बाइक स्टार्ट कर तेजी से दो किमी. दूर रेलवे ट्रैक की ओर भागा. वहां पहुंचकर सबसे पहले उसने रेड पिलर लगाए. फिर इंचार्ज और मैनेजर को फोन कर घटना की जानकारी दी. साथ ही कोयले से लदी मालगाड़ी रुकवाने को कहा. कृष्णा की बात सुनकर इंचार्ज और मैनेजर ने ट्रेन रोकने का मैसेज लोकोपायलट को दिया और भागकर घटना स्थल पर पहुंचे. इसके बाद तो यह खबर बिल्कुल आग की तरह फैल गयी. अधिकारियों को जमावड़ा लग गया.
रेलवे के सभी अधिकारी कृष्णा ठाकुर की तारीफ करते थक नहीं रहे थे. क्योंकि अगर आज वो समय पर ट्रैक पहुंचकर ट्रेन को रुकवाता नहीं तो बड़ा ट्रेन हादसा हो जाता है. इस ट्रेन में सीआईएसएफ के जवान भी सवार होते हैं. बताया जा रहा है कि रेलवे कृष्णा ठाकुर को सम्मानित करेगा.
ब्लैकस्मिथ का काम
रेलवे ब्लैकस्मिथ (लोहार) का काम मेटल स्टील के साथ काम करना है और उनकी जिम्मेदारियों में कई चीजें शामिल होती हैं, जिनमें रेल स्पेसिफिकेशन को हैंडल करना, मशीनों की मदद से ट्रैक को काटना, पुल निर्माण के काम में भी मदद करना होता है.
घटना पर एक नजर
झारखंड के साहिबगंज के बरहेट थाना क्षेत्र के रांगा घुटू टोला के पास फरक्का- ललमटिया एनटीपीसी लाइन को अपराधियों ने 2 अक्तूबर को उड़ा दिया था. इस रेल लाइन से ललमटिया कोयला खदान से एनटीपीसी फरक्का को कोयले की आपूर्ति की जाती है. लाइन पर केवल मालगाड़ी ही चलती हैं. 700 मिमी का ट्रैक गायब था और करीब 20 मीटर की ट्रैक उखड़ गई थी. 40 पेंड्रोल क्लिप गायब पाए गए थे.
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FIRST PUBLISHED :
October 8, 2024, 17:46 IST