व्हाइट कुर्ता, काली सदरी और थका चेहरा... 5 साल बाद जेल से निकला ताहिर हुसैन

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Last Updated:January 29, 2025, 11:20 IST

Tahir Hussain News: ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से कस्टडी पैरोल मिलने के बाद वह आज यानी बुधवार से चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली पुलिस की टीम उनको लेकर पार्टी ऑफिस पहुंची. यहां ताहिर ह...और पढ़ें

व्हाइट कुर्ता, काली सदरी और थका चेहरा... 5 साल बाद जेल से निकला ताहिर हुसैन

ताहिर हुसैन ने बुधवार से शुरू किया चुनाव प्रचार

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से कस्टडी पैरोल पाने के बाद बुधवार को 5 साल बाद ताहिर हुसैन जेल से बाहर निकला है. सुप्रीम कोर्ट से कस्टडी पैरोल मिलने के बाद दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद के पार्टी दफ्तर लाया गया. कोर्ट के आदेशों के अनुसार, ताहिर हुसैन पुलिस की कस्टडी में पार्टी दफ्तर पहुंचा है जहां पर वह पार्टी कार्यालय में लोगों से मुलाकात कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट से कस्टडी पैरोल मिलने के बाद ताहिर हुसैन दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करेगा क्योंकि ओवैसी की पार्टी AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. ताहिर हुसैन जब पार्टी ऑफिस पहुंचा तो उसने सफेद कलर का कुर्ता और काले रंग की सदरी पहनी हुई थी. ताहिर हुसैन पार्टी ऑफिस पहुंचा तो थकान उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी. ताहिर हुसैन आज से विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान शुरू करेगा. जिसमें जनता के बीच हाथ जोड़कर अपने लिए वोट मांगते नजर नहीं आए.

ओवैसी बोले, ताहिर हुसैन एंटी नेशनल नहीं

दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचा के दौरान एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्तफाबाद में पार्टी उम्मीदवार ताहिर हुसैन के समर्थन में रैली की. उन्होंने अरविंद केजरीवाल और बीजेपी को दिल्ली के प्रदूषण, पानी की समस्या समेत तमाम कुव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया. ओवैसी ने कहा कि आप जानते हैं कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. लोग मुझसे आकर कहते हैं कि यह कैसा शासन हैहां पर हम लोगों पर जुल्म और दबाव डाला जाता है, और एक खास समुदाय को निशाना बनाया जाता है.

यह समय ताहिर का साथ देने का: ओवैसी
उन्होंने आगे कहा कि हम खामोश नहीं रह सकते. 5 फरवरी को आपको यह तय करना है कि हमें नफरत करने वालों से क्या करना है लेकिन वोट किसे देना है, यह सवाल बना रहता है. अगर वे हमसे नफरत करते हैं, तो क्या हमें उनके साथ मिलकर अपने हक के लिए लड़ना चाहिए? यही समय है. 5 फरवरी को आपको यह निर्णय लेना है कि अगर फिरौन (मिस्र का एक अत्याचारी) को हराना चाहते हैं तो मूसा (पैगंबर) का साथ देना होगा. अगर आप यजीदी ताकतों को शिकस्त देना चाहते हैं, तो आपको हक का पैगाम लेकर सच्चाई का समर्थन करना होगा. 5 फरवरी को, अगर आप ठेकेदारों और कुर्सियों पर बैठने वालों को यह बताना चाहते हैं कि हम ताहिर हुसैन को एंटी नेशनल नहीं मानते, तो यह समय है उनका साथ देने का.

उन्होंने कहा कि हम इस बात को साबित करेंगे कि ताहिर हुसैन न तो सांप्रदायिक है, न ही वह किसी गलत चीज का हिस्सा है. हम अपनी वोट की ताकत से यह दिखाएंगे कि जो आप तय करते हैं, वह हम नहीं मानेंगे. आप हमें गाली दे सकते हैं, लेकिन हम इसे अपना सम्मान मानेंगे. हम अपने मुकद्दर का फैसला खुद करेंगे और हम आपके गुलाम नहीं हैं. हमारे देश की सुंदरता यह है कि हम अपनी आवाज उठाने का हक रखते हैं और हमें यह तय करना है कि 5 फरवरी को किसके साथ खड़ा होना है. मुस्तफाबाद की जनता के लिए यह एक बेहतरीन मौका है.

ताहिर हुसैन यहां के गली-कूचों में पले-बढ़े हैं, हमारे बुजुर्गों ने उनकी सरपरस्ती की, और यहां के नौजवानों ने देखा कि जब मुश्किल वक्त आया था, ताहिर हुसैन उनके साथ खड़ा था। वह समय आया जब हमारे खिलाफ कोशिश की जा रही थी, लेकिन ताहिर हुसैन हमारे साथ खड़ा हुआ. आज हमें यह तय करना है कि हम किसका साथ देंगे। भारत के हर घर में जहां मूसा और हुसैन के मानने वाले हैं, वह घर हमारा है और हम उसकी हिफाजत करेंगे.

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Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

January 29, 2025, 11:20 IST

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