नई दिल्ली: हमास हमले की पहली वर्षगांठ से पहले एक उग्र संबोधन देते हुए, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पश्चिमी नेताओं के “पाखंड” की निंदा की है. बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने एक रेडियो साक्षात्कार में इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने का आह्वान किया था और कहा था कि सभी “सभ्य” देशों को दृढ़ रहना चाहिए.
उन्होंने फ्रांस और अन्य पश्चिमी देशों की ओर इशारा करते हुए कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए, जिन्होंने इजरायल के खिलाफ हथियार प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है. क्या वे ईरान हिजबुल्लाह, हूती, हमास और उसके अन्य समर्थकों पर हथियार प्रतिबंध लगा रहे हैं? बिल्कुल नहीं. नेतन्याहू ने कहा, “आतंक की यह धुरी एक साथ खड़ी है. लेकिन जो देश कथित तौर पर इस आतंकी धुरी का विरोध करते हैं, वे इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हैं. यह कितनी शर्मनाक बात है!”
नेतन्याहू-मैक्रों विवाद
नेतन्याहू की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत दुनिया भर के नेताओं की ओर से दबाव बढ़ रहा है, जिन्होंने गाजा में इजरायल के सैन्य अभियानों पर चिंता जताई है. 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद इजरायल ने अपनी प्रतिक्रिया तेज कर दी है, जिसमें सैकड़ों इजरायली नागरिक मारे गए थे.
मैक्रों ने शनिवार को गाजा में इस्तेमाल के लिए इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने का आह्वान किया, जिस पर नेतन्याहू की तीखी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने लेबनान में जमीनी अभियानों में सेना भेजने के नेतन्याहू के फैसले की भी आलोचना की. मैक्रों ने फ्रांसीसी प्रसारक फ्रांस इंटर से कहा, “मुझे लगता है कि आज प्राथमिकता यह है कि हम एक राजनीतिक समाधान पर लौटें, कि हम गाजा में लड़ने के लिए हथियारों की आपूर्ति बंद कर दें.” नेतन्याहू की फटकार के बाद मैक्रों के कार्यालय ने जोर देकर कहा कि “फ्रांस इजरायल का पक्का दोस्त है.” एलीसी ने जोर देकर कहा कि मैक्रों “इजरायल की सुरक्षा का समर्थन करते हैं और इसे प्रदर्शित करते हैं.” टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, मैक्रों के कार्यालय ने कहा कि फ्रांस ने इस सप्ताह ईरान के मिसाइल हमले के दौरान अपनी सेना को जुटाया, जैसा कि उसने अप्रैल में किया था.
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FIRST PUBLISHED :
October 6, 2024, 13:40 IST