शिमला में धूमधाम से मनाया जाएगा क्रिसमस
शिमला. शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान के मशहूर क्राइस्ट चर्च में इस वर्ष क्रिसमस का त्यौहार 1 दिसंबर से मनाया जाएगा. 1 दिसंबर से एडविन की शुरुआत होने जा रही है. ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिसमस से पहले के 4 रविवार बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. इस दौरान ईसाई धर्म के लोग प्रार्थनाएं करते हैं और इशू मसीह की आराधना करते हैं.
क्राइस्ट चर्च शिमला की प्रीस्ट इंचार्ज डॉ. विनीता रॉय ने बताया कि इस बार पहले एडविन में ही एक दिसंबर को हार्वेस्ट फेस्टिवल को मनाया जा रहा है, जिसमें लोग कई प्रकार के गिफ्ट का आदान प्रदान करते है. इसके बाद 4 एडविन संडे को भी मनाया जाता है. इन सभी रविवार के दिन आराधनाएं और प्रार्थनाएं होती है.
लोगों के घरों में जाकर होती है कैरल सिंगिंग
डॉ. विनीता रॉय ने बताया कि इसी बीच लोगों के घरों में जाकर सिंगिंग की जाती है, जिस कैरल सिंगिंग भी कहा जाता है. इसमें लोगों को बधाई दी जाती है. लोग एक दूसरे के लिए प्रार्थना करते हैं और खुशियां बांटते हैं. 24 दिसंबर की रात को मिड नाइट सर्विस होगी और उससे पहले बच्चों के लिए ट्री प्रोग्राम होगा, जिसमें बच्चों को गिफ्ट दिए जाते है.
इस दौरान बच्चों के क्रिसमस से संबंधित कार्यक्रम भी होते हैं. इसके अलावा क्रिसमस के दिन भी बच्चों के लिए एक कैरल सिंगिंग की योजना है और महिलाएं नाटी की प्रस्तुति देगी. क्रिसमस वाले दिन प्रार्थना होगी, प्रवचन होंगे, बाइबल रीडिंग्स होगी और शांति के लिए प्रार्थना की जाएगी. प्रभु इशुमासी शांति के राजकुमार है, हम उनसे उनके जन्मदिन के अवसर पर शिमला, हिमाचल प्रदेश, भारत और पूरी दुनिया में शांति के लिए प्रार्थना करते है. वहीं, उस दिन भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा.
गरीब बच्चों के साथ क्रिसमस मनाने की योजना
डॉ. रॉय ने बताया कि इस वर्ष गरीब बच्चे, जो जरूरतमंद हैं और जिनके पास गर्म कपड़े तक नहीं है, उन बच्चों के साथ क्रिसमिस मनाने की योजना बनाई जा रही है. हमने अपने लोगों के सामने एक सुझाव रखा है कि सभी परिवारों से एक छोटा सा सहयोग लिया जाए, ताकि गरीब बच्चों को क्रिसमस के मौके पर गर्म कपड़े, स्टेशनरी, खिलौने आदि भेंट किए जा सकें. इन सब छोटे गिफ्ट से उनकी जिंदगी में खुशी आए और क्रिसमिस के मौके पर उन्हें भी अच्छा लगे.
इसके अलावा कुछ जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े और कंबल भेंट करने की भी योजना है. हालांकि, यह फिलहाल एक प्लानिंग है, इसे लेकर बैठक होनी है, इसके बाद ही साफ हो पाएगा कि किस प्रकार का कार्य किया जाना है. वहीं, अन्य सभी कार्यक्रम सामान्य रूप से मनाए जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 16:08 IST