सरकार ने दी बड़ी राहत, किसानों के खाते में सीधे जाएंगे 33 हजार रुपये, जानिए कैसे करें अप्लाई
/
/
/
सरकार ने दी बड़ी राहत, किसानों के खाते में सीधे जाएंगे 33 हजार रुपये, जानिए कैसे करें अप्लाई
आंध्र प्रदेश में गठबंधन सरकार सत्ता में आने के बाद से किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही है. इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और उनकी कृषि आय बढ़ाना है. राज्य में कई किसान इन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. इन्हीं प्रयासों के तहत सरकार ने बहु-वार्षिक चारा खेती कार्यक्रम शुरू किया है, जो किसानों के लिए एक अहम कदम साबित हो रहा है.
चारा खेती के बारे में जागरूकता अभियान
नंद्याला जिले के नंदीकोटकुर निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जुपाडु बांग्ला मंडल में पशु चिकित्सा अधिकारी रामंजनेयुलु नाइक ने किसानों को बारहमासी चारा खेती प्रणाली के बारे में जानकारी दी. इस खेती से किसानों को न केवल स्थायी आय प्राप्त हो सकती है, बल्कि यह उनके पशुधन के लिए चारे की समस्या को भी हल करती है. सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभ और प्रक्रिया को लोकल 18 के माध्यम से विस्तार से समझाया गया.
बारहमासी चारा खेती के पात्र किसान
गठबंधन सरकार ने भाजपा सरकार के सहयोग से किसानों के लिए बारहमासी चारा खेती की शुरुआत की है. इसके तहत 5 एकड़ भूमि वाले अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवार पात्र माने जाते हैं. इसके अलावा, 5 एकड़ भूमि वाले छोटे और सीमांत किसान भी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से इस खेती का लाभ उठा सकते हैं.
रोजगार गारंटी योजना के तहत वित्तीय सहायता
सरकार किसानों को बारहमासी चारा खेती के लिए आर्थिक मदद प्रदान कर रही है. यह मदद भूमि के आकार के अनुसार तय की गई है:
- 10 सेंट भूमि: ₹3000 श्रम लागत, ₹3599 सामग्री लागत, कुल ₹6599.
- 20 सेंट भूमि: ₹6000 श्रम लागत, ₹7197 सामग्री लागत, कुल ₹13,197.
- 30 सेंट भूमि: ₹9000 श्रम लागत, ₹10,795 सामग्री लागत, कुल ₹19,795.
- 40 सेंट भूमि: ₹12,000 श्रम लागत, ₹14,394 सामग्री लागत, कुल ₹26,394.
- 50 सेंट भूमि: ₹15,000 श्रम लागत, ₹17,992 सामग्री लागत, कुल ₹32,992.आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
- आवेदन पत्र.
- जॉब कार्ड की ज़ेरॉक्स कॉपी.
- फार्म 1बी की ज़ेरॉक्स कॉपी.
- आधार कार्ड की ज़ेरॉक्स कॉपी.
- बैंक पासबुक की ज़ेरॉक्स कॉपी.इन दस्तावेजों को पास के पशु चिकित्सा अधिकारी के पास जमा करना होता है. साथ ही, जिस भूमि पर चारा खेती करनी है, वहां पानी की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए. पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामंजनेयुलु नाइक ने बताया कि यदि पानी की सुविधा नहीं होगी, तो किसान इस योजना के लिए अयोग्य हो सकते हैं.
योजना का उद्देश्य
यह योजना किसानों को बारहमासी चारा उगाने के लिए प्रेरित करती है. इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि पशुधन की देखभाल के लिए आवश्यक चारे की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी. सरकार का यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और कृषि में सुधार का एक सफल प्रयास है.
Tags: Andhra Pradesh, Kisan, Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 16:14 IST