सागर ने रचा इतिहास, 11 दिन में बनाए दो वर्ल्ड रिकॉर्ड! इस चीज की है मांग...

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सागर. मां सरस्वती और लक्ष्मी के वरद पुत्र डॉक्टर हरि सिंह गौर ने साल 1946 में अपने जीवन की कमाई सारी संपत्ति विश्वविद्यालय को स्थापित करने दान कर दी थी. ऐसे डॉक्टर हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग को लेकर पूरा सागर एकजुट दिखाई दिया. हजारों लोग एक साथ सड़कों पर उतरे और साढ़े 6 किलोमीटर लंबी गेंदा के फूलों की माला अर्पित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है. यह रिकॉर्ड गोल्डन बुक में दर्ज किया गया है. इस माला को अर्पित करने के लिए शहर के हृदय स्थल तीन बत्ती पर स्थित गौर मूर्ति से लेकर विश्वविद्यालय में स्थित गौर मूर्ति तक मानव श्रृंखला बनाकर एक ही माला अर्पित की गई और भारत रत्न दिए जाने की आवाज को बुलंद किया.

ब्रिटिश काल में नागपुर से सांसद- महापौर रहे डॉ. गौर 
जब मध्य प्रदेश सीपी एंड बरार कहलाता था और यहां की राजधानी नागपुर थी तब डॉक्टर हरि सिंह गौर नागपुर सेंट्रल से सांसद थे. वे यहां से महापौर भी रहे हैं. डॉ हरि सिंह गौर ने महिलाओं को लेकर भी कानून के क्षेत्र में बहुत काम किया. उन्होंने ही महिलाओं को वकालत करने का अधिकार दिलाया था. डॉक्टर हरिसिंह गौर संविधान निर्माण समिति के सदस्य थे.

हजारों छात्र विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे
डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय देश ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध है क्योंकि इस विश्वविद्यालय की छात्र दुनिया के कोने-कोने में झंडा गाड़े हुए हैं. इस विश्वविद्यालय कि कुलपति रहे डॉक्टर द्वारका प्रसाद मिश्रा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. यहां से निकले कई छात्र नेता मंत्री सांसद विधायक महापौर रहे हैं. इसी विश्वविद्यालय से पढ़े अभिनेता मुकेश तिवारी, आशुतोष राणा, गोविंद नामदेव, रिचा तिवारी, सचिन तिवारी जैसे कई दिग्गज कलाकार बॉलीवुड में अपना अलग नाम बनाए हुए हैं. केवल फार्मेसी विभाग से निकले 300 से अधिक एलुमिनाई विदेश में हैं. यहां के फॉरेंसिक साइंस एंड क्रिमिनोलॉजी विभाग के स्टूडेंट भी कमाल कर रहे.

11 दिन में दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बने
सागर में पिछले 11 दिनों में यह दूसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है इसके पहले 14 नवंबर को डीपीएस स्कूल में 180 बच्चों ने 8 मिनट 08 सेकंड में वैदिक गणित की 100 प्रश्न हल कर यूनिवर्सल अचीवर्स बुक रिकॉर्ड दर्ज किया था. ठीक इसके 11 दिन बाद दुनिया की सबसे लंबी गेंदा फूल की माला बनाई गई इसके लिए गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड दर्ज किया गया है.
Edited By- Anand Pandey

Tags: Local18, Madhya pradesh news, Sagar news, World record

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 22:44 IST

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