सिस्टम से हार गए होनहार DFO! कैंसर से जूझ रही पत्नी और सरकार की बेरुखी से बेबस

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शिमला. 28 साल की नौकरी के बाद एक होनहार अफसर को सिस्टम से हारकर वीआरएस मांगनी पड़ी. वह कैंसर से जूझ रही पत्नी की देखभाल के लिए अपने घर के पास ट्रांसफर चाह रहे थे. लेकिन सरकार ने इस मामले में कोई ध्यान नहीं दिया. थक-हारकर अफसर देवेंद्र सिंह डडवाल को वॉलंटरी रिटायरमेंट के लिए अप्लाई करना पड़ा. हालांकि, अब तक उनके इस आवेदन पर सरकार की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है.

जानकारी के अनुसार, कांगड़ा के रहने वाले देवेंद्र सिंह डडवाल वन विभाग में बीते 28 साल से सेवाएं दे रहे थे. मौजूदा समय में वह अपने घर से सैंकड़ों किमी दूर चंबा के दुर्गम इलाके पांगी में सेवाएं दे रहे थे. इस बीच डीएफओ डीएस डढवाल की पत्नी बीमार हो गई और जांच में पता चला कि उन्हें कैंसर है. पत्नी की देखभाल के लिए वह चाह रहे थे और इसे लेकर कई बार विभाग को आवेदन भी किए.  25 मार्च 2025 को उन्होंने पांगी में ट्रांसफर के बाद ज्वाइनिंग की थी.

पत्नी धर्मशाला में हैं तैनात

डीएफओ देवेंद्र सिंह डडवाल की पत्नी धर्मशाला के फरसेटगंज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में केमिस्ट्री की लेक्चरर हैं लेकिन कैंसर से पीडि़त हैं. न्यूज18 से फोन पर बातचीत करते हुए डीएस डढवाल बताते हैं कि उन्होंने फरवरी महीने में वॉलंटरी रिटायरमेंट के लिए अप्लाई किया था. अब तक सरकार की तरफ से उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया है.

वन्य जीवों की प्रजातियों को लेकर डीएफओ एक किताब भी लिख चुके हैं.

28 साल से कर रहे थे नौकरी

डीएफओ देवेंद्र सिंह डडवाल बीते 28 साल से वन विभाग में सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने विभाग के होनहार अफसरों में गिना जाता है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान है. कांगड़ा के पौंग डैम झील के आसपास वन्यजीव प्रबंधन को लेकर उन्होंने खासा नाम कमाया है. वन्य जीवन के संरक्षण को लेकर उन्होंने कई लेख लिखे हैं. वहीं अक्तूबर 2011 में डीएफओ डडवाल ने वाइल्ड विंग्स नाम से एक किताब लिखी थी, जिसमें पक्षियों की 415 प्रजातियों की तस्वीरों और उनकी जानकारी दी थी. इसके अलावा, किताब में सांपों की 21 और मैमल्स की 21 प्रजातियों के बारे में उल्लेख किया था. उधर, सोशल मीडिया पर इस होनहार अफसर के वीआरएस लेने को लेकर खासी चर्चा है. शुक्रवार को न्यूज18 की तरफ से चंबा के मुख्य अरण्यपाल को फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

Tags: Cancer Insurance, Cancer Survivor, Forest and Climate Change, Forest department, Wild life

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 14:15 IST

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