मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने सोमवार को 8 कंपनियों को प्रतिभूति बाजार से बैन कर दिया। साथ ही ‘फ्रंट-रनिंग’ गतिविधियों से अर्जित 4.82 करोड़ रुपये की राशि को जब्त कर लिया। ‘फ्रंट-रनिंग’ का मतलब शेयर बाजार के उस गैरकानूनी तरीके से है, जहां कोई इकाई किसी ब्रोकर या विश्लेषक से मिली गैर-सार्वजनिक जानकारी के आधार पर लेनदेन करती है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ इकाइयों द्वारा गगनदीप कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड (बड़े ग्राहक) के सौदों के कथित तौर पर फ्रंट-रनिंग से संबंधित होने की जांच के बाद यह कार्रवाई की है। अपने अंतरिम आदेश में, सेबी ने पाया कि आशीष कीर्ति कोठारी, उनके परिवार के सदस्य और उनके HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) पर बड़े क्लाइंट के ट्रेडों को फ्रंट-रनिंग करने का आरोप है।
इस तरह पकड़ में आया ब्रोकर
जांच के दौरान, सेबी ने पाया कि बड़ा ग्राहक स्टॉक ब्रोकर नीरव महेंद्र सपानी के माध्यम से अपने ऑर्डर दे रहा था, जो एनविल शेयर एंड स्टॉक ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड में डीलर के रूप में काम कर रहा था। सपानी ने सूचना पहुंचाने वाले के रूप में काम किया। एक बड़े ग्राहक के ट्रेडों के बारे में अंदरूनी जानकारी आशीष और उसके सहयोगियों को दी। कृष्णा तुकाराम कदम के खातों का उपयोग आशीष कीर्ति कोठारी और अन्य लोगों द्वारा फ्रंट-रनिंग ट्रेड करने के लिए किया गया था। गैरकानूनी लाभ को शामिल पक्षों के बीच साझा किया गया। ऑपरेशन के तौर-तरीके में फ्रंट-रनर्स- आशीष और उनके सहयोगी- गोपनीय जानकारी के आधार पर बड़े क्लाइंट के ऑर्डर से पहले ट्रेड करते थे। उन्होंने मुनाफे को सपानी के साथ साझा किया, जिन्होंने ट्रेडों को सुविधाजनक बनाने में मदद की, और कदम के खातों का इस्तेमाल इन ट्रेडों को निष्पादित करने और लाभ को बांटने के लिए किया गया। इस तरह के ट्रेडों में लिप्त होकर, संस्थाओं ने सेबी अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया। तदनुसार, सेबी ने इन आठ संस्थाओं को अगले आदेश तक किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिभूतियों की खरीद, बिक्री या लेनदेन करने से रोक दिया है।
2018 से सितंबर, 2023 तक जांच की अवधि
सेबी की जांच की अवधि सितंबर, 2018 से सितंबर, 2023 तक थी। सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि आशीष कीर्ति कोठारी, उनके परिवार के सदस्य और उनके एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) पर बड़े ग्राहक के फ्रंट-रनिंग सौदे करने का आरोप है। सेबी ने कहा कि इस तरह के सौदों में लिप्त होकर इन इकाइयों ने सेबी अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया। लिहाजा आठ इकाइयों को अगले आदेश तक प्रतिभूतियों की खरीद, बिक्री या सौदेबाजी करने से रोक दिया गया है।