नई दिल्ली/चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस की दिग्गज और सोनिया गांधी की खासमखास कुमारी सैलजा के कांग्रेस छोड़ने की चर्चा तेज हो गई है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच सैलजा का चुनाव प्रचार से अचानक गायब हो जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है. सैलजा के अचानक दिल्ली में डेरा डालने के मतलब भी निकाले जा रहे हैं. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो 10 जनपथ और सैलजा के बीच अभी तक कोई संवाद कायम नहीं हो सका है.
इधर, बीजेपी की तरफ से सैलजा के पास ऑफर पर ऑफर आ रहे हैं और सैलजा उस पर भी चुप्पी साध रखी है. क्या ये सारी कवायद किसी बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के होने का संकेत दे रहा है? बीजेपी के एक बड़े नेता की मानें तो पार्टी तीसरी बार सत्ता में आने के लिए वह सारे प्रयास करेगी, जिससे मंजिल तक पहुंचने में आसानी होगी. इसलिए बीजेपी ने अभी से ही प्लान-ए, प्लान-बी और प्लान सी पर काम करना शुरू कर दिया है. आइए जानते हैं प्लान-ए, बी और प्लान सी.
बीजेपी का प्लान-A
हरियाणा बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के अलावा मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार बोल रहे हैं कि दलित होने की वजह से कांग्रेस ने कुमारी सैलजा का अपमान किया है. तकरबीन बीजेपी के सारे नेता सैलजा को लेकर यही बोल रहे हैं. ऐसे में अगर सैलजा चुनाव प्रचार नहीं करती हैं तो इससे बीजेपी को फायदा हो सकता है.
दलित वोट बैंक पर नजर
क्योंकि, हाल ही में बीजेपी की हरियाणा सरकार ने एससी में वंचित 52 प्रतिशत की आबादी में से 36 जातियों को 20 प्रतिशत आरक्षण में कोटे के अंदर कोटा 50 प्रतिशत आरक्षण दे दिया है. हरियाणा में एससी की कुल आबादी में से इन 36 वंचित जातियों की आबादी 52.40 प्रतिशत है. सैलजा भी इसी वंचित जाति से आती हैं. अगर सैलजा चुनाव प्रचार नहीं करती हैं तो बीजेपी को इससे डबल फायदा हो सकता है.’
बीजेपी का प्लान-B
दलित वोटर को लुभाने के लिए प्लान ए के बाद बीजेपी का प्लान-B भी तैयार है. हरियाणा में जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां जाटों का वोट 22 से 27 प्रतिशत के बीच है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इसी जाति से आते हैं. बीजेपी चाह रही है कि अगर सैलजा बीजेपी में शामिल हो जाएंगी तो पंचकूला, अंबाला, यमुना नगर , हिसार और सिरसा की 20 से ज्यादा दलित बहुल सीटों पर फायदा होगा. क्योंकि हरियाणा में दलित वर्सेज जाट की लड़ाई पुरानी है.
कांग्रेस की पारंपरिक सीटों पर क्या होगा असर?
इन सीटों पर दलित गोलबंद होंगे और एकतरफा वोट कर सकते हैं. ये सारी सीटें कांग्रेस की पारंपरिक सीटें रही हैं. क्योंकि, सिरसा से सैलजा इस बार लोकसभा की सांसदी जीती हैं और उनकी नारजगी प्लस बीजेपी का कोटे के अंदर कोटा में आरक्षण देने से कई सीटें पर लाभ हो सकता है. दलित बहुल इन 15-20 सीटों पर बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं कही जा रही है. सैलजा अगर पार्टी में शामिल होती हैं तो इन सीटों पर बीजेपी अच्छा कर सकती है.
बीजेपी का प्लान- C
बीजेपी का प्लान-सी चुनाव नतीजे आने के बाद आ सकता है. अगर उम्मीद के मुताबिक बीजेपी प्रदर्शन नहीं करती है या फिर किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो यह फॉर्मूला बीजेपी अपना सकती है. इस फॉर्मूले के तहत बीजेपी की पहली कोशिश होगी कि बहुमत की संख्या किसी तरह पूरी की जाए. इसमें निर्दलीय और छोटे दलों के जीते हुए उम्मीदवारों से पहले संपर्क किया जाएगा. इसके लिए जेजेपी जैसी पार्टियों से भी संपर्क किया जा सकता है. अगर इस पर बात नहीं बनती है तो फिर बीजेपी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग भी कर सकती है.
मोदी-शाह का होगा अहम रोल
बीजेपी का प्लान-सी के तहत ब्रह्मास्त्र मतलब सीएम फेस बदलना. इसके लिए बीजेपी आलाकमान की भूमिका अहम होगी. खासकर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सीएम फेस बदल सकते हैं. इसमें चौंकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है. सैलजा को बीजेपी सीएम पद की पेशकश कर सकती है.
बशर्ते वह कांग्रेस से जीते अपने समर्थकों को पार्टी में लाएं या दो तिहाई बहुमत नहीं होता है तो इस्तीफा दिलवाएं. बीजेपी के तीनों प्लान के केंद्र में सैलजा ही रहेंगी. क्योंकि, कहा जा रहा है कि 15-20 विधानसभा सीटों पर सैलजा के करीबियों को टिकट दिया गया है. ऐसे में बीजेपी सैलजा को सीएम चेहरा बनाकर पंचकूला, अंबाला, यमुना नगर , हिसार और सिरसा के आस-पास इलाकों से जीतने वाले कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में करने का दांव खेल सकती है.
Tags: BJP Congress, Haryana predetermination 2024, Kumari Selja
FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 17:37 IST