सहरसा: जिले में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर हजारों महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि थाना प्रभारी गांव के लोगों को शराब की तलाश के नाम पर परेशान कर रहे हैं और बिना वजह गिरफ्तार कर जेल भेज रहे हैं. महिलाएं समाहरणालय के बाहर जमा होकर जोरदार नारेबाजी कर रही थीं. इस दौरान, बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस बल भी तैनात किया गया था. प्रदर्शन का आयोजन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किया गया, जिसमें 17 सूत्री मांगों का समर्थन किया गया.
महिलाओं की मांगें
प्रदर्शन में शामिल श्याम कुमार ने चिरैया थाना अध्यक्ष कर्मवीर सिंह, सलखुआ थाना अध्यक्ष विशाल कुमार और सहयोगी सोनू कुमार की गलत कार्यशैली की जांच की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि 12 सितंबर को भिरखी टोला निवासी जीतो सादा को चिकनी टोला में शराब पीने के नाम पर बेरहमी से पीटकर उसका जबड़ा तोड़ दिया गया.
विधायक की प्रतिक्रिया
विधायक दल के नेता कामरेड सूर्यकांत पासवान ने कहा कि जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अपराधियों का राज कायम है और दलितों को टारगेट करके हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने चिकनी टोला की घटना को इसका उदाहरण बताया, जहां रक्षक ही अब अपराधी बन गए हैं.
सहरसा में महिलाओं का यह प्रदर्शन स्थानीय प्रशासन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो कि कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता को उजागर करता है. स्थानीय लोग अब अपनी आवाज उठाने के लिए एकजुट हो रहे हैं और प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं कि वे इन गंभीर मामलों का समाधान करें.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 19:55 IST