पंकज सिंगटा/शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला पूर्ण रूप से खुला शौच मुक्त शहर घोषित हो चुका है. नगर निगम शिमला के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में शिमला शहर के सभी वार्डों को खुला शौच मुक्त शहर घोषित किया गया है. शिमला शहरी क्षेत्र है, इसलिए सभी लोगों के घरों में टॉयलेट्स की सुविधा उपलब्ध है. वहीं, शिमला नगर निगम भी कई पब्लिक टॉयलेट्स का संचालन करता है. इसके अलावा यदि किसी को शिमला के खुला शौच मुक्त स्टेटस पर आप्ति है, तो वह अपनी आप्ति दर्ज कर सकता है. बता दें कि शिमला सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, इसलिए यहां सफाई व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा जाता है.
नगर निगम शिमला के संयुक्त आयुक्त भुवन शर्मा ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण एक वार्षिक प्रक्रिया होती है. पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर निगम शिमला के सभी 34 वार्डों को खुला शौच मुक्त घोषित किया गया है. शिमला शहरी क्षेत्र है, इसलिए सभी घरों में टॉयलेट्स की सुविधा है. इसके अलावा नगर निगम के अपने 131 टॉयलेट्स है. इन्हें सार्वजनिक टॉयलेट भी कहा जाता सकता है, जिसे नगर निगम संचालित करता है. शिमला शहर पूर्ण रूप से खुला शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा यदि किसी भी व्यक्ति को नगर निगम शिमला के इस स्टेटस पर आपत्ति है, तो वह अपनी आप्ति दर्ज कर सकता है. इसके लिए 15 दिनों का समय दिया गया है.
2014 में शुरू हुआ था स्वच्छ भारत मिशन
भारत सरकार ने यूनिसेफ के साथ मिल कर सस्टेनेबल डेवलेपमेंट गोल्स को समर्थन देने के लिए 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. इस मिशन के तहत सभी गांव और शहरों को “खुले में शौच मुक्त” करने का लक्ष्य भी रखा गया था. अभियान के तहत सभी घरों में शौचालय निर्मित करना और उनका उपयोग सुनिश्चित करना एक बड़ा लक्ष्य था. वहीं, सीवरेज के पानी को खेतों में बहने और फसलों को दूषित होने से रोकना के साथ ही स्वच्छ जल उपलब्ध करवाना भी लक्ष्य था.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 17:49 IST