मोबाइल वेन से 38 गांवों में मिलेगी स्वास्थ्य सेवाएं
सिरोह . सिरोही जिले के 38 गांवों में 50 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. इसमें गांव-गांव पहुंचकर आंखों की जांच, चेस्ट कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, मुंह का कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके साथ ही डायबिटीज, ब्लड प्रेशर आदि की भी जांच कर मरीजों को चिन्हित किया जाएगा.
38 गांवों को किया गया चयनित
जिले में आबूरोड और पिंडवाड़ा तहसील में आदिवासी बहुल गांव की संख्या ज्यादा है. इन गांवों में मूलभूत चिकित्सा सेवा और स्वास्थ्य केंद्रों की काफी कमी है. सीमेंस हेल्थिनियर्स इंडिया और ग्लोबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, माउंट आबू के संयुक्त प्रयास से स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नया कदम बढ़ाया है. सीमेंस हेल्थिनियर्स इंडिया ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए ग्लोबल हॉस्पिटल के साथ मिलकर मोबाइल वैन के जरिए गांव-गांव पहुंचकर लोगों की निशुल्क स्वास्थ्य जांच करने की परियोजना शुरू की है. इस प्रोजेक्ट के लिए सिरोही जिले के 38 गांवों को चयनित किया गया है.
आदिवासी लोगों को मिलेगी स्वास्थ्य सेवाएं
परियोजना की शुरुआत ब्रह्माकुमारी संस्थान के तपोवन परिसर में हुई. इसमें सीमेंस हेल्थिनियर्स इंडिया की सीएसआर हेड श्वेतांजलि कुमारी ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित सिरोही जिले के ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में संस्थान द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल परियोजना शुरू की जा रही है. इससे लोगों को गंभीर बीमारियों की समय से स्क्रीनिंग हो सकेगी और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित आदिवासी लोगों को भी सुविधा मिल सकेगी. अभियान के तहत पहला मल्टी-डिसिप्लिनरी स्क्रीनिंग कार्यक्रम गुरुवार को भूला गांव में होगा.
दुर्गम गांवों तक पहुंचेगी सुविधा
माउंट आबू उपखंड अधिकारी गौरव रविंद्र सांलुखे ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए दोनों संस्थाओं द्वारा जो पहल की गई है, वह सराहनीय है. इससे दुर्गम गांवों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेगी.
आदिवासी बहुल गांवों में जाएगी मोबाइल वैन और मेडिकल टीम
इस प्रोजेक्ट में एक मोबाइल मेडिकल वैन और मेडिकल टीम तैयार की गई है, जो गांव-गांव जाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच कर परामर्श, दवाइयां और आवश्यक उपचार करेगी. विशेषज्ञों की सहायता से टीम मधुमेह, हाई ब्लडप्रेशर और टीबी जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. साथ ही आंखों के मोतियाबिंद की स्क्रीनिंग और आवश्यकता पड़ने पर ऑपरेशन, ओरल कैंसर की स्क्रीनिंग और उपचार के लिए रेफर किया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में स्तन और सर्वाइकल कैंसर को लेकर भी आदिवासी परिवारों को जागरूक किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 17:49 IST