हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग में 1770 आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटक गया है. नवजात से 6 साल के बच्चों पर पोषण का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, 5 अक्टूबर से राज्य भर में आंगनवाड़ी के सेविका और सहायिका दीदी अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसके बाद से सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. राज्य भर में 38,000 से अधिक सेविका और सहायिका दीदी कार्यरत हैं. झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका कर्मचारी संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है.
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संयुक्त कर्मचारी संघ की जिला मंत्री लीना सिन्हा बताती हैं कि लगातार सरकार द्वारा आंगनबाड़ी की सेविका और सहायिका दीदी को उपेक्षित किया जा रहा है. सरकार द्वारा अभी तक उचित वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. साथ ही किसी भी दीदी के रिटायरमेंट को लेकर सरकार नहीं सोच रही है. न ही किसी का पीएफ कट रहा है, न ही किसी को पेंशन मिलेगी. कम से कम सरकार को सेविका और सहायिका दीदी को न्यूनतम वेतन देना चाहिए. जब तक सरकार मांग नहीं मानती तब तक कोई काम नहीं करेगा.
इन चीजों में बढ़ी परेशानी
आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटकने के बाद से बच्चों को पोषण युक्त आहार नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा 6 साल के नीचे के बच्चों का टीकाकरण सही से नहीं लग पा रहा है. क्योंकि सेविका दीदी एएनएम को सहयोग कर बच्चों को टीकाकरण करवाती है. गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशु के स्वास्थ्य का ब्योरा रखने का जिम्मा भी इन्हीं आंगनबाड़ी के सेविका दीदी के ऊपर है.
ये हैं मांगें
-विभाग द्वारा जारी सेवा शर्त नियमावली की अधिसूचना संख्या 2238 एवं 2239 दिनांक 30/09/2022 में आंशिक संशोधन के लिए पूर्ण समर्पित आवेदन पर अविलंब विचार हो.
-सहायक अध्यापक, पारा शिक्षकों के समान सेविका- सहायिका को मानदेय वेतनमान मिले. वृद्धि की जटिलताओं को दूर किया जाये ताकि समय पर वार्षिक मानदेय वृद्धि में कोई परेशानी नहीं हो.
– मानदेय का भुगतान केन्द्रांश एवं राज्यांश मद की राशि एक साथ हो तथा इसके समय पर भुगतान के लिए चक्रीय कोष की व्यवस्था हो.
-सेवानिवृत्ति के बाद सेविका को 10 लाख एवं सहायिका को 5 लाख एक मुस्त सेवा निवृति का लाभ भुगतान हो तथा अंतिम मानदेय का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में भुगतान की स्वीकृति दी जाए.
– महिला पर्यवेक्षिका के पद पर शत प्रतिशत वरीयता के आधार पर आंगनबाड़ी सेविका को प्रोन्नति दी जाए.
– सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सभी समाज कल्याण के संविदा कर्मियों के बीच व्याप्त मानदेय विसंगति को दूर कर आंगनबाड़ी कर्मियों को भी महंगाई एवं यात्रा भत्ता भुगतान की स्वीकृति दी जाए. सभी को नियमित कर पूर्ण सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए ग्रेच्युटी भुगतान की जाए.
– विभागीय कार्य संपादन के लिए ब्रांडेड कंपनी के मोबाइल एवं रिचार्ज की सुविधा प्रदान की जाए.
– आंगनबाड़ी केंद्रों का पोषाहार की राशि बाजार दर पर उपलब्ध कराई जाए.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 19:45 IST