Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:January 31, 2025, 19:17 IST
Sagar News : सागर जिले के धांगर गांव में एक नीम के पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ बहने लगा, जिसे ग्रामीण चमत्कार मानकर पूजने लगे. लोग इसे प्रसाद समझकर ग्रहण कर रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक प्राकृतिक प्रक्र...और पढ़ें
नीम का पेड़
हाइलाइट्स
- नीम के पेड़ से दूध निकलने की खबर से गांव में भीड़ जुटी.
- लोग इसे हनुमान जी का चमत्कार मानकर प्रसाद समझ रहे हैं.
- विशेषज्ञों के अनुसार यह एक रासायनिक प्रक्रिया है, चमत्कार नहीं.
सागर. बरसों पुराने एक नीम के पेड़ से अचानक दूध जैसे तरल पदार्थ की धारा बहने लगी. ग्रामीणों ने जब यह देखा तो भगवान का चमत्कार मानकर पूजन करने लगे. दूध जैसे पदार्थ को प्रसाद समझकर ग्रहण करने लगे. बर्तनों में भरकर अपने-अपने घर ले जाने की होड़ मच गई. उन लोगों का कहना है कि ईश्वर का प्रसाद है, इसके खाने से बीमारियों का नाश होगा.
यह मामला सागर जिले के खुरई के धांगर गांव का हैं, जहां नीम के पेड़ से दूध निकलने की खबर फैलने के बाद कई गांव के लोग वहां पहुंचने लगे हैं. दूध पीने के लिए लंबी-लंबी कतारे लग गईं. लोग इसे श्री हनुमान जी महाराज का चमत्कार मान रहे हैं. नीम के पेड़ में देखा जा सकता है कि ऊपर की तरफ से नीचे की तरफ एक सफेद पदार्थ बहता हुआ दिखाई दे रहा है. लोग इसे ही दूध धारा कह रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया
ग्रामीणों ने कहा कि नीम के पेड़ के सामने प्रसिद्ध हनुमान जी महाराज का मंदिर है, जिनकी कृपा से ही यह दूध की धारा निकली है, जिससे गांव के लोगों का कल्याण होगा. नीम के पेड़ पर लोग बर्तन लेकर पहुंचे और पेड़ से निकलने वाले दूध को प्रसाद के रूप में अपने घर लेकर गए. लोगों ने बताया कि यह भगवान का चमत्कार है, जिसके बाद ही लोगों के कल्याण के लिए प्रसाद के रूप में दूध की धारा बहने लगी है.
विशेषज्ञों का क्या कहना है
विशेषज्ञों का कहना है कि गांव के लोग इसे भले ही इसे आस्था मान रहे हों लेकिन यह एक रासायनिक क्रिया है, जिसमें पेड़ के कई साल पुराने हो जाने के कारण उससे जाइलम फट जाने के कारण तरल पदार्थ निकलने लगता है. यह चमत्कार नहीं है यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो कई जगहों पर देखने के लिए मिला है. ज्यादा मात्रा में यह दूध पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.
Location :
Sagar,Madhya Pradesh
First Published :
January 31, 2025, 19:17 IST