Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:January 31, 2025, 22:04 IST
dehradun News : हरिद्वार में रामलीला मंचन के दौरान जेल से दो कैदी फरार हो गए थे. रात दोनों वानर का रोल निभा रहे थे. एक कैदी को हरिद्वार पुलिस ने कुछ दिन बाद गिरफ्तार कर लिया था. जबकि पंकज को आज उत्तराखंड एसटीए...और पढ़ें
STF और कैदी के बीच मुठभेड़ में पैर पर लगी गोली
हाइलाइट्स
- पंकज को मुठभेड़ के बाद STF ने गिरफ्तार किया.
- हरिद्वार जेल से रामलीला के दौरान फरार हुआ था पंकज.
- पुलिस पंकज के फरार होने के दौरान की जांच कर रही है.
हरिद्वार की जिला जेल से फरार हत्यारे पंकज को उत्तराखंड एसटीएफ और जिला पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. 50 हजार के इनामी इस अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस लंबे समय से प्रयास कर रही थी.
वानर सेना का किरदार और हो गयाफरार
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF नवनीत सिंह भुल्लर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पंकज वाल्मीकि (28) और रामकुमार (24) नाम के दो अपराधियों को दशहरे के मौके पर जेल में आयोजित रामलीला में वानर सेना का किरदार निभाने का मौका मिला था. लेकिन, यह सिर्फ मंचन नहीं बल्कि फरारी की एक सोची-समझी साजिश थी. रामलीला खत्म होने के बाद जब कैदियों की गिनती हुई, तब जेल प्रशासन को पता चला कि ये दोनों कैदी दीवार फांदकर भाग चुके हैं.
रामलीला का वानर आखिरकार चढ़ा STF के हत्थे
हरिद्वार पुलिस ने तेजी दिखाते हुए कुछ समय बाद रामकुमार को यमुनानगर, हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन पंकज लगातार पुलिस की पकड़ से बाहर था. पुलिस पर उसकी गिरफ्तारी का दबाव बढ़ता जा रहा था. आखिरकार एसटीएफ को उसकी लोकेशन मिली और उसे घेरने की योजना बनाई गई.
मुठभेड़ के बाद एसटीएफ ने पकड़ा
30 जनवरी की रात हरिद्वार में एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने पंकज को घेर लिया. खुद को घिरता देख उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी, जिससे वह घायल हो गया. इसके बाद पुलिस ने उसे काबू में कर लिया और इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा.
कई पहलुओं को खंगाल रही पुलिस
पुलिस अब यह पता लगा रही है कि फरार होने के दौरान पंकज कहां छिपा था, उसे किसकी मदद मिल रही थी और क्या इस फरार होने की योजना में किसी बड़े अपराधी गैंग का हाथ था. खास बात है कि फरार होने के बाद कैदी ने मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर दिया था, जिससे पुलिस को उसे ट्रैक करने में मुश्किल हुई. हालांकि आखिरकार वह पुलिस के हाथ लगा. अब पुलिस की तफ्तीश जारी है, लेकिन एक बात साफ हो गई. चाहे वानर सेना का किरदार हो या अपराध की दुनिया, कानून के चक्रव्यूह से निकलना नामुमकिन है.
Location :
Dehradun,Uttarakhand
First Published :
January 31, 2025, 22:04 IST
STF ने पंकज को मुठभेड़ के बाद दबोचा, रामलीला के दौरान वानर बन कर हुआ था फरार