देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में न्यूज18 इंडिया का विशेष कार्यक्रम ‘डायमंड स्टेट्स समिट उत्तराखंड’ का आगाज हो चुका है. कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शरीक हुए. हरीश रावत से जब सवाल किया गया कि मुख्यमंत्री बने हुए बहुत लंबा समय हो गया है. क्या वे हुड्डा और कमलेश जी की टीम में शामिल हो गए हैं तो उन्होंने कहा कि ये वक्त है. ये समय उन लोगों का है, जो केवल बातें करते हैं, जमले देते हैं. लोग फिलहाल जुमले का आनंद ले रहे हैं. जिस दिन जुमले का आनंद लेना छोड़कर लोग आसपास के माहौल को समझने लगेंगे, उस दिन हमारा वक्त आ जाएगा. वहीं सीएम फिर से बनने की इच्छा के सवाल पर जवाब देते हुए हरीश रावत हंस पड़े. उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा ये है कि 2027 में कांग्रेस फिर से उत्तराखंड में आ जाए.
हरियाणा की हार पर टिप्पणी करते हुए हरीश रावत ने कहा, ‘राजनीति में हार-जीत लगी रहती है. हमें तकलीफ है कि हम क्यों जीतते-जीतते हार गए. लोगों ने जाट-गैर जाट के आधार पर वोट डाला. हरियाणा के अंदर हिंदू-मुस्लिम किया गया. हरियाणा जाति के आधार पर बंट गया. जबकि हरियाणा पहले विकास और रोजगार पर वोट कर रहा था लेकिन ये जाट-गैर जाट किसका मुद्दा है? ईवीएम की गड़बड़ी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ईवीएम तो लाई गई ही बेईमानी के लिए ही है. एक मशीन अच्छे भाव वाले के हाथ में रहेगी अगर मशीन चलाने वाला गलत होगा तो गड़बड़ी होगी ही.
कई बार आप बीजेपी मुख्यमंत्री की तारीफ कर देते हैं, पता नहीं चलता है कि आप किधर हैं तो इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इतने साल हो गए. लेकिन फिर भी ऐसे सवाल उठ रहे हैं.’ हरीश रावत ने इस सवाल का जवाब देते हुए माता सीता की अग्निपरीक्षा का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आप विचारों से भेद रख सकते हैं. वहीं सीएम धामी की अच्छाई को लेकर हरीश रावत ने कहा कि उनका चेहरा अच्छा लगता है.
जातीय जनगणना को लेकर उन्होंने कहा कि आज समय आ गया है कि पिक्चर क्लीयर होनी चाहिए की जो विभिन्न वर्ग हैं उनकी आर्थिक स्थिति क्या है? कहीं ऐसा ना हो कि वो लोग पीछे रह जाएं. वन टाइम एक्सपेरिमेंट के लिए जातीय जनगणना जरूरी है. इसके जरिए लोगों की समस्याओं का पता चलेगा और हम उसका निदान खोज सकेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
October 23, 2024, 11:57 IST