कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर दिखते आवारा कुत्तों और पहाड़ी गाय के अच्छे दिनों की उम्मीद लगाई जा रही है क्योंकि अब उनकी गणना की जाएगी, जोकि पहले नहीं की जाती थी. पशुपालन विभाग ने पहली बार राज्य की हिमाचली पहाड़ी गाय ‘गौरी’ को भी पशुगणना में शामिल किया है. इससे पहले विभाग द्वारा इनका आंकड़ा नहीं जुटाया जाता था. केंद्र सरकार की पहल पर 2024 की पशुगणना में हिमाचली पहाड़ी गाय के साथ बेसहारा पशुओं और आवारा कुत्तों का भी डाटा एकत्रित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य पशुओं की संख्या का सही आंकलन कर योजनाओं का लाभ पहुंचाना है.
गणना से सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं और आवारा कुत्तों की संख्या स्पष्ट होगी. इन आंकड़ों के आधार पर केंद्र सरकार से टीकाकरण स्टॉक और योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा. हालांकि इससे पहले न विभाग को जानकारी होती थी कि सड़कों पर कितने पशु बेसहारा और आवारा कुत्ते घूम रहे हैं और न ही पता होता था कि कौन सड़कों पर पशुओं को बेसहारा छोड़ रहा है.
डाटा मिलने से आसान होगा आंकलन
अब विभाग की ओर से की जा रही गणना में सड़कों पर घूम रहे पशुओं का आंकड़ा एकत्रित हो जाएगा, जिससे कि प्रदेश में केंद्र की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत टीकाकरण का प्रबंध भी किया जाएगा. इससे पहले केंद्र की ओर से 2019 की पशुगणना के अनुसार ही विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश में टीकाकरण का स्टॉक और टारगेट भेजे जाते थे.
क्या बोले पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी
नोडल अधिकारी पशुपालन विभाग संदीप मिश्रा ने कहा कि केंद्र की ओर से पहली बार प्रदेश की देसी गाय का आंकड़ा एकत्रित किया जाएगा. साथ ही पहली बार बेसहारा पशुओं और आवारा कुत्तों का भी आंकड़ा इकट्ठा किया जा रहा है. इससे केंद्र सरकार के पास प्रदेश के पशुओं की संख्या का सही आंकड़ा पहुंचेगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 19:21 IST