प्रैक्टिकल दिखाते हुए 10वीं का छात्र
मुंगेर. आजकल हर घर में खाना पकाने के लिए गैस चूल्हे का इस्तेमाल होता है, जिसे एलपीजी गैस से जलाया जाता है. बिना एलपीजी के गैस चूल्हा जलाना मुमकिन नहीं है. लेकिन खगड़िया जिले के 10वीं के छात्र ने एक ऐसा आविष्कार किया है, जिससे महंगे एलपीजी गैस से छुटकारा मिल सकता है. इस छात्र ने एथेनॉल से गैस चूल्हा जलाने का तरीका खोजा है.
राहुल बताते हैं कि जब एथेनॉल में एयर कंप्रेसर से हवा दी जाती है, तो वह वाष्प में बदल जाता है. इसके बाद, यह वाष्प सैनिटाइज़र के वाष्प से मिलकर एक ज्वलनशील वाष्प बनाता है, जिससे आसानी से गैस चूल्हा जलाया जा सकता है. राहुल राज का यह आविष्कार बढ़ती महंगाई के बीच लोगों को राहत दे सकता है. उनका दावा है कि इस तकनीक से एलपीजी गैस की तुलना में काफी सस्ता ईंधन मिलेगा. जहां 1 किलो एलपीजी गैस की कीमत लगभग 80 रुपये है, वहीं इस नई तकनीक से 1 किलो ईंधन का खर्च सिर्फ 50 रुपये होगा.
यह भी पढ़ें- ‘गरीबों का बादाम’ बाजार में आते ही मचा दी धूम, सेहत का है खजाना, त्वचा और बालों के लिए बेहद फायदेमंद
एथेनॉल क्या है?
एथेनॉल एक अल्कोहल है, जिसे मक्का, गन्ना और गेहूं जैसे पौधों से बनाया जाता है. यह एक नवीकरणीय ईंधन है, जिसका मतलब है कि इसे उन संसाधनों से तैयार किया जा सकता है जो बार-बार उपलब्ध होते हैं. एथेनॉल काफी ज्वलनशील होता है और यह अधिक स्वच्छ तरीके से जलता है, जिससे कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन जैसे हानिकारक प्रदूषकों का कम उत्सर्जन होता है. इससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी कम होता है. 11वीं के छात्र राहुल राज ने बताया कि वह पूरी तरह से एथेनॉल का उपयोग नहीं कर रहे हैं, बल्कि एथेनॉल के वाष्प का उपयोग कर रहे हैं.
Tags: Bihar News, Local18, Munger news
FIRST PUBLISHED :
October 1, 2024, 12:45 IST