दिल्ली में पुलिस ने पिछले वर्ष दिल्ली पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत 1,100 से अधिक आदतन अपराधियों को राष्ट्रीय राजधानी से बाहर कर दिया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 साल में यह दिल्ली से बाहर किए गए अपराधियों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शांति और सद्भाव बनाए रखने के उद्देश्य से की जाने वाली इस प्रक्रिया का उपयोग अपराधियों को एक निश्चित अवधि के लिए विशिष्ट क्षेत्रों से दूर रखने के लिए किया जाता है।
अधिकारी ने बताया, “दिल्ली के विभिन्न जिलों से कुल 1,130 लोगों को शहर से बाहर किया गया। उन्हें दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 47 और 48 (अपराध करने वाले व्यक्तियों को हटाना) के तहत कार्रवाई के लिए उपयुक्त पाया गया।” उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के तहत पहले ऐसे व्यक्तियों को नोटिस भेजा जाता है, जिसमें उनसे यह बताने को कहा जाता है कि उन्हें शहर से बाहर क्यों न किया जाना चाहिए और अगर उनका स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाया जाता है, तो आगे की कार्रवाई की जाती है।
किस साल कितने लोग हुए बाहर?
आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में दिल्ली पुलिस ने 268, 2016 में 215, 2017 में 133, 2018 में 79, 2019 में 302, 2020 में 176, 2021 में 311, 2022 में 716 और 2023 में 619 लोगों को शहर से बाहर किया था। अधिकारी ने बताया कि आदतन अपराधियों को शहर से बाहर करना समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नहीं सुधरने पर होती है कार्रवाई
अगर दिल्ली में रहने वाला कोई व्यक्ति एक से ज्यादा बार आपराधिक मामलों में शामिल होता है तो पुलिस उसे सजा दिलाने के साथ ही सुधरने का मौका भी देती है। हालांकि, जो लोग बार-बार ऐसा करते हैं, उन्हें पुलिस की तरफ से नोटिस भेजा जाता है। इस नोटिस के जवाब में अपराधी को बताना होता है कि उसे क्यों दिल्ली से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। इसका संतोषजनक जवाब मिलने पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर ऐसे व्यक्ति को शहर से बाहर कर दिया जाता है।
ऐसा कोई भी व्यक्ति जो एक से ज्यादा बार आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है, उसके लिए यह चेतावनी की तरह है। नहीं सुधरने पर 2025 में भी कई आदतन अपराधियों को दिल्ली से बाहर किया जाएगा। (इनपुट- पीटीआई भाषा)