लंका की ओर हनुमान जी का मुंह, अल्मोड़ा का ये मंदिर सबसे अलग

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Last Updated:January 19, 2025, 23:11 IST

Hanuman Temple Almora: जागेश्वर धाम में स्थित इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के रोग, कष्ट, दुख, पाप नष्ट होने की मान्यता है. इसके अलावा यहां पर शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव भी कम होता है.

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जागेश्वर

जागेश्वर धाम में स्थित हनुमान जी का मंदिर.

अल्मोड़ा. उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. यहां 33 कोटि देवी-देवताओं के प्राचीन मंदिर स्थित हैं. हर एक की अपनी-अपनी मान्यता और इतिहास है. अल्मोड़ा जिले में बजरंगबली का एक प्राचीन मंदिर है. दरअसल नगर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम स्थित है. मंदिर परिसर में 125 छोटे-बड़े मंदिरों का समूह देखने को मिलता है. अलग-अलग भगवान यहां विराजमान हैं. इन्हीं में संकटमोचक हनुमान जी का भी मंदिर है. पवनपुत्र बाल रूप में विराजमान हैं. मंदिर में विराजमान बजरंगबली का मुंह दक्षिणमुखी यानी लंका की ओर है. पुजारी बताते हैं कि यहां हनुमान जी ने शनिदेव को अपने बाएं पैर में रखा हुआ है. हर मंगलवार और शनिवार को यहां हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाया जाता है. इतना ही नहीं, इस मंदिर में पूजा-पाठ से ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव भी कम होता है.

हनुमान मंदिर के पुजारी निर्मल कुमार भट्ट ने लोकल 18 को बताया कि जागेश्वर धाम में दक्षिणमुखी सिद्धपीठ हनुमान जी का मंदिर है. इसका मतलब है कि हनुमान जी का मुंह आज भी लंका की तरफ है. उन्होंने बताया कि दो ही सिद्धपीठ हैं, जिनके मुंह दक्षिण की तरफ हैं. एक अयोध्या हनुमानगढ़ी में और दूसरा जागेश्वर धाम में. जागेश्वर धाम में स्थित इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के रोग, कष्ट, दुख, पाप नष्ट होने की मान्यता है. इसके अलावा यहां बजरंगबली की पूजा-पाठ से शनिदेव की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव भी कम होता है.

विदेशों तक से आते हैं श्रद्धालु
उन्होंने आगे कहा कि हनुमान मंदिर में अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं, जिनकी मनोकामनाएं हनुमान जी पूरी करते हैं. जब मनोकामना पूरी हो जाती है, तो भक्त यहां वापस आकर हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाते हैं. मंगलवार के दिन हनुमान जी को घी और सिंदूर चढ़ाया जाता है और शनिवार के दिन चमेली के तेल और सिंदूर से उनका श्रृंगार किया जाता है.

Location :

Almora,Uttarakhand

First Published :

January 19, 2025, 23:11 IST

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