30 मिनट तक 2 लीटर छाछ में डाल दें मटर के बीज...नहीं लगेगा उकठा रोग!

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मटर

मटर की फसल 

शाहजहांपुर: दलहन की मुख्य फसल मटर की बुवाई के लिए नवंबर का महीना उपयुक्त माना जाता है. मटर की फसल में बेहद कम लागत से किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सकता है. मटर की खेती किसानों के लिए कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने का बेहतरीन जरिया है लेकिन इसके साथ आने वाली बीमारियां फसल को बर्बाद कर सकती हैं. खासकर उकठा रोग, जो मटर की जड़ों को प्रभावित करके पौधों को मुरझा देता है. अगर सही समय पर इसका प्रबंधन न किया जाए, तो पूरी फसल नष्ट हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं, कैसे सही बीज और मिट्टी के उपचार से आप मटर की फसल को इन खतरनाक बीमारियों से बचा सकते हैं

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि मटर की फसल में उकठा रोग लगता है. जिससे कई बार धीरे-धीरे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों को अपनी लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है. जरूरी है कि किसान मटर की फसल की बुवाई मृदा शोधन करने के साथ-साथ बीज उपचारित करने के बाद ही करें. इसके अलावा कोशिश करें कि मटर की फसल की बुवाई बेड बनाकर या फिर कूड़ बनाकर मेड के ऊपरी सिरे पर लगाएं. इसके अलावा किसान कुछ घरेलू उपाय कर भी फसल को बचा सकते हैं.

गोबर से करें ये काम
उकठा रोग मिट्टी में मौजूद फफूंदी के कारण होता है. जिसमें पौधे जड़ से उखड़ने के बाद सुख जाते हैं. जरूरी है कि किसान बुवाई करने से पहले मृदा शोध करें. मृदा शोध करने के लिए दो किलोग्राम ट्राईकोडर्मा को 35 से 40 किलो गोबर की सड़ी हुई खाद में मिलाकर 10 दिन तक छायादार स्थान पर रखें. उसके बाद तैयार हुए पूरे मिश्रण को पूरे खेत में बिखेर कर मटर की फसल की बुवाई कर दें.

इस दवा का करें इस्तेमाल
किसी भी फसल की बुवाई करने से पहले बीज उपचारित करना एक अहम क्रिया है. वहीं दलहन की फसल मटर की बुवाई से समय भी बीज का उपचार करना चाहिए. बीज उपचारित करने के लिए किसान 2.5 ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा किसान 1 ग्राम कार्बेंडाजिम और 2 ग्राम थीरम को मिलकर भी बीज उपचारित कर सकते हैं. उपचारित बीज के कारण उकठा रोग नहीं लगता बीज का जमाव भी बेहतर होता है.

छाछ से करें बीज उपचारित 
डॉ. एनपी गुप्ता ने कि मटर की फसल की बुवाई करने से पहले अगर किसान कुछ घरेलू उपाय करें तो फसल को उकठा रोग से बचाया जा सकता है. मटर की फसल की बुवाई करने से पहले किसान घर में तैयार होने वाले छाछ में मटर के बीज को 30 मिनट तक भिगो दें. उसके बाद बीज को छायादार स्थान पर फैलाकर सुखा लें. बीज के सूखने के बाद मटर के फसल की बुवाई कर दी जाए, तो उसमें उकठा रोग नहीं आएगा. एक किलो बीज को उपचारित करने के लिए 2 लीटर छाछ पर्याप्त होता है.

Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News Hindi

FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 15:29 IST

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