प्रतीकात्मक तस्वीर
पश्चिम चम्पारण:- बेशकीमती लकड़ियों वाले पेड़ों की फार्मिंग भला कौन नहीं करना चाहता है. खासकर बात अगर चंदन के पेड़ की हो, तो आज के जेनरेशन वाले युवाओं में इसका क्रेज बहुत ज्यादा है. ग्लोबल मार्केट में लाल और सफेद चंदन की लकड़ी की डिमांड काफी अधिक है. वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 5 से 7 हजार मिट्रिक टन चंदन की लकड़ी का बाजार है.हालांकि, भारत की भूमिका इसमें बहुत कम है, क्योंकि यहां से सिर्फ 200 टन चंदन की लकड़ी ही उपलब्ध कराई जाती है. ऐसे में इसकी फार्मिंग करने वाले लोगों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े बाजार की उपलब्धता है.
35 लाख प्रति टन तक की कीमत
पिछले 25 वर्षों से इमारती लकड़ियों और बेशकीमती पौधों पर काम करने वाले विशेषज्ञ कुमार गौरव लोकल 18 को बताते हैं कि चंदन के एक पौधे को पूरी तरह से तैयार होने में कम से कम 35 से 40 वर्ष का समय लगता है. हालांकि आप इसे लगाने के 20 से 25 वर्षों के बाद भी बेच सकते हैं. खासकर सफेद चंदन का पेड़ 25 वर्ष में एक लाख रुपए तक में आसानी से बिक जाता है. लेकिन यदि आप उसे और 10 वर्षों के लिए छोड़ देते हैं, तो उसी पेड़ की कीमत 5 से 35 लाख रुपए प्रति टन तक हो जाती है, यानि एक किलो लकड़ी की कीमत 5 से 35 हजार रुपए किलो तक होती है.
ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि 25 वर्षों तक चंदन के पेड़ के गर्त की मोटाई कुछ खास नहीं होती है. ऐसे में उसका इस्तेमाल हर्बल चीजों के निर्माण के लिए किया जाता है. जबकि वही पेड़ 35 से 40 वर्षों में पूरी तरह से तैयार हो जाता है.
सफेद चंदन अधिक कीमती होता है या लाल चंदन
ठीक इसी प्रकार लाल चंदन की लकड़ी की कीमत भारतीय बाजार में 18 से 25 हजार रुपए प्रति किलो और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 38 से 45 हजार रुपए प्रति किलो तक होती है. बकौल कुमार, लाल चंदन की फार्मिंग देश के सिर्फ दक्षिणी भाग में की जाती है, जबकि सफेद चंदन की फार्मिंग पूरे नॉर्थ इंडिया में होती है. जहां तक बात कीमत की है, तो सफेद चंदन की तुलना में लाल चंदन अधिक कीमती होता है. एक एकड़ जमीन पर सफेद चंदन के 300 से 350 पौधे लगाए जा सकते हैं.
इन मिट्टियों का करें चुनाव
चंदन की खेती के लिए किसानों को सबसे पहले चंदन के बीज या फिर छोटा सा पौधा लेना होगा, जो बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है. जानकार बताते हैं कि यह पेड़ लाल मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है. इसके अलावा, चट्टानी मिट्टी, पथरीली मिट्टी और चूनेदार मिट्टी में भी चंदन का पेड़ उगाया जाता है.
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ऐसे करें खेती
अप्रैल और मई का महीना चंदन की बुवाई के लिए सबसे अच्छा होता है. पौधा बोने से पहले 2 से 3 बार अच्छी और गहरी जुताई करना जरूरी होता है. जुताई होने के बाद 2x2x2 फीट का गहरा गड्ढ़ा खोदकर उसे कुछ दिनों के लिए सूखने के लिए छोड़ देना चाहिए. अगर आपके पास काफी जगह है, तो एक खेत में 30 से 40 सेमी की दूरी पर चंदन के बीजों को बो दें.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 08:00 IST