एक नगर निगम के बजट से जुड़ी यह खबर आपको हैरान कर सकती है। जी हां, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मंगलवार को 74,427.41 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इतना ही नहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिना किसी टैक्स वृद्धि के अब तक का सबसे बड़ा बजट है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह बजट इस साल होने वाले महत्वपूर्ण नगर निगम चुनावों से पहले पेश किया गया। बजट नगर आयुक्त भूषण गगरानी को प्रस्तुत किया गया, जो नगर निकाय के राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक हैं।
आम आदमी का ख्याल रखा गया
खबर के मुताबिक, यह लगातार तीसरा साल है जब प्रशासक द्वारा बजट पेश किया गया क्योंकि मार्च 2022 में सदन का कार्यकाल खत्म होने के बाद नगर निकाय चुनाव नहीं हुए हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जो राज्य के शहरी विकास मंत्री भी हैं, ने कहा कि बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए आम आदमी का ख्याल रखा गया है। शिंदे ने कहा कि इस साल के बजट में किसी भी तरह के टैक्स या सेस (उपकर) में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। गौर करने वाली बात यह है कि राजस्व में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है।
प्रॉपर्टी टैक्स या वॉटर टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं
बजट डॉक्यूमेंट्स में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट अनुमान 74,427.41 करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जो 2024-25 के अनुमान 65,180.79 करोड़ रुपये से 14.19 प्रतिशत अधिक है। बजट में 60.65 करोड़ रुपये का अधिशेष था। गगरानी ने बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह बीएमसी का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। उन्होंने कहा कि यह मुंबई के नागरिकों के सपनों और उम्मीदों को दर्शाता है। प्रशासक ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स या वॉटर टैक्स में कोई बढ़ोतरी प्रस्तावित नहीं की गई है।
इन पर जरूर लगाया है टैक्स
बीएमसी ने वित्त वर्ष 2025-26 से झुग्गी-झोपड़ियों में संचालित होने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाने का फैसला किया है, जिससे 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। बजट में पूंजीगत व्यय के लिए 43,162.23 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जबकि अनुमानित राजस्व 43,159.40 करोड़ रुपये है, जिसमें खत्म किए गए ऑक्ट्रोई के मुआवजे के रूप में 14,398 करोड़ रुपये, विकास योजना शुल्क और प्रीमियम से 9,700 करोड़ रुपये और संपत्ति कर से 5,200 करोड़ रुपये शामिल हैं। गगरानी ने यह भी कहा कि 2017-18 से, बीएमसी ने लगातार अपने राजस्व व्यय को 75 प्रतिशत से घटाकर 42 प्रतिशत पर लाया है, जबकि पूंजीगत व्यय 25 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया है।