नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की बुधवार को मुलाकात होगी. पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस पहुंचे हैं. यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पेट्रोलिंग को लेकर भारत-चीन के बीच हुए समझौते के बाद हो रही है और दोनों देशों के संबंधों में आए सुधार की ओर भी इशारा करती है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि दोनों नेता ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
उन्होंने कहा, "मैं पुष्टि कर सकता हूं कि कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी."
#WATCH | Kazan, Russia: "I tin corroborate that determination volition beryllium a bilateral gathering held betwixt Prime Minister Modi and Chinese President Xi Jinping time connected the sidelines of the BRICS Summit." says Foreign Secretary Vikram Misri pic.twitter.com/588eOWgQJ4
— ANI (@ANI) October 22, 2024दोनों नेता इस समय रूस के कजान में हैं, जहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के लूला डी सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के सिरिल रामफोसा भी शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.
गलवान झड़प के बाद से निचले स्तर पर थे संबंध
दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग को लेकर गलवान घाटी में झड़प के चार साल बाद समझौता हुआ है. यह उस इलाके में तनाव कम करने की दिशा में कदम का संकेत है, जहां दोनों देशों ने हजारों सैनिकों को तैनात किया है.
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे. यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी.
पिछले कुछ वर्षों में सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के बाद दोनों पक्ष टकराव वाले कई बिंदुओं से पीछे हट गए थे. हालांकि, देपसांग और डेमचोक संबंधी गतिरोध के समाधान में वार्ता में बाधाएं आईं. समझा जाता है कि सोमवार को घोषित समझौते से देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त की सुविधा मिलेगी.
चीन ने की समझौते की पुष्टि
चीन ने पूर्वी लद्दाख में उसकी और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए एक समझौता होने की मंगलवार को पुष्टि की है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हाल के समय में भारत और चीन दोनों देशों की सीमा से संबंधित मुद्दों पर राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए निकट संपर्क में रहे हैं.''
लिन से चार सालों से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक समझौता करने की सोमवार को भारत द्वारा की गई घोषणा को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई थी. इस पर उन्होंने कहा कि अब दोनों पक्ष ‘‘प्रासंगिक मामलों'' पर एक समाधान पर पहुंच गए हैं.