Durga Puja In Mathura : बंगाल के तर्ज पर मथुरा में यहां होती है दुर्गा पूजा

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मथुरा

मथुरा में दुर्गा पूजा

मथुरा : बंगाल की दुर्गापूजा के बारे में तो आपने जरूर सुना या देखा होगा लेकिन आज हम आपको मथुरा में एक ऐसे स्थान की दुर्गापूजा के बारे में आपको बताएंगे जिसे बंगाल की तर्ज पर ही मनाई  जाती है. सप्तमी, अष्टमी और नवमीं को मनाए जाने वाले तीन दिवसीय महोत्सव के लिए यहां गगनचुंबी पंडाल बनाए जाते हैं जिनमें मातारानी विराजतीं है.यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है .यहां पूरे मथुरा से भक्त मां दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं. यूपी के मथुरा में दुर्गा पूजा महोत्सव का आरंभ देवी के आब्हान से हुआ. इस अवसर पर षष्ठयादि कल्पारंभ की पूजा प्रातः काल से शुरू की गई, संध्या के समय देवी को बोधन एवं आमंत्रण किया गया इसके उपरांत अधिवास का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.

कालिन्दी धाम में विशाल एवं भव्य मां भगवती दुर्गा की 12 फीट उंची प्रतिमा स्थापित की गई है .जिसमें मां भगवती दुर्गा से युद्ध करते महिषासुर को दर्शाया गया है. साथ में गणेश जी लक्ष्मी जी, कार्तिक जी तथा मां सरस्वती की मूर्तियां भी हैं. महिषासुर मर्दिनी के स्वरूप की पूजा पूरे विश्व में जहां-जहां बंग समाज के लोग रहते हैं वहां की जाती है, वह इस शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं. इन प्रतिमाओं को बंगाल के कलाकारों के द्वारा तैयार किया जाता है. इस पूजा के लिए बंगाल से पंडित श्यामल चटर्जी एवं सोमनाथ चक्रवर्ती को विशेष रूप से बुलाया जाता है.

धुनुची नृत्य से प्रेम भाव किया अर्पित
सुबह से ही मां भगवती के आगमन की पूजा तथा आरती के उपरांत बंगाली कारीगर विशेष ढाक (ढोल)का वादन करते हैं . उसके बाद मथुरा के बंग समाज के लोग प्रतिवर्ष मां भगवती के समक्ष आरती के समय नृत्य करते हैं. दुर्गा पूजा में सप्तमी के दिन शाम को संध्या आरती के साथ ढाक के ताल पर भक्त झूमते नजर आए. इस दौरान भक्तों ने धुनुची नृत्य कर मां के प्रति प्रेम भाव अर्पित किया. शाम 6 बजे से आरती, ढाक की थाप पर मंगल गीतों की शुरुआत हो गई थी. बड़ी संख्या में आस्था के साथ माता के पंडाल में श्रद्धालुओं का जनसमूह उमड़ा.

 32 साल से हो रहा आयोजन
संस्था के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि 32 साल से दुर्गा पूजा का आयोजन मथुरा में निरंतर होता चला आ रहा है. यहां पर मथुरा ही नहीं बल्कि बाहर से बंग समाज के लोग दुर्गा पूजा में शामिल होते हैं. बंगाल की तर्ज पर हम लोग यहां दुर्गा पूजा में विधि-विधान से शामिल होते हैं. बंगाली प्रपरा में में धुनुची नृत्य मां भवानी की शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए किया जाता है. पुराणों के अनुसार, चूंकि महिषासुर बहुत ही बलशाली था. उसे कोई नर, देवता मार नहीं सकता था. मां दुर्गा उसका वध करने जाती हैं. इसलिए मां के भक्त उनकी शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए धुनुची नृत्य करते हैं. हम भले ही बंगाल से काफी दूर है लेकिन दुर्गा पूजा हम बंगाल की तर्ज पर ही मनाते हैं.

Tags: Durga Puja festival, Local18, Mathura news, Uttar Pradesh News Hindi

FIRST PUBLISHED :

October 11, 2024, 15:38 IST

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