विज्ञान में हम बहुत कुछ मान कर चलते हैं और फिर उनका परीक्षण करते हैं. इसके बाद हम अपनी मान्यताओं में सुधार करते हैं और इस प्रक्रिया से सदियों से हम अपने वैज्ञानिक ज्ञान को व्यवहारिकता के बहुत करीब ला पाए हैं और चीजों को गहराई से समझते भी जा रहे हैं. कई बार हमें खुद के ही विचारों को चुनौती देनी होती है. और ऐसे करके हम अपने जानकारी और समझ को और बढ़ाते भी हैं. ऐसा ही एक सवाल है कि क्या वाकई हर ब्लैक होल का आकार गोलाकार ही होता है जैसा कि इनकी कई तस्वीरों में होता है? वैज्ञानिकों को कहना है कि अभी की वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर इनका यही आकार होता है लेकिन जरूरी नहीं हमेशा ऐसा ही आकार हो, तो आइए जानते हैं कि इस आकार के बारे में वैज्ञानिक आज कर क्या नया सोच रहे हैं.
गोल ही आकार क्यों?
परंपरागत सोच के मुताबिक, भौतिकी के नियमों के अनुसार बलैक होल का आकार गोलाकार ही होता है. इसकी वजह गुरुत्व का किसी वस्तु के भार के केंद्र की ओर खिंचाव होना ही उसे गोलाकार बनाता है. यही बात ब्लैक होलके इवेंट होराइजन पर भी लागू होती है जो वह सीमा होती है जिसके बाद प्रकाश भी लौट कर नहीं आ सकता है. यही तर्क ग्रहों और तारों के मामले में भी काफी हद तक लागू होता है.’
ज्यादा आयाम बदल सकते हैं कहानी
लेकिन सैद्धांतिक भौतिक विज्ञान में चीजें विकास करते हैं नया आकार ले सकती हैं. आयाम की यह संभावना हमें स्पेस की तीन दिशाएं और समय के रूप में चौथे आयाम के आगे ले जाती है. अब भौतिकविद इन अतिरिक्त आयामों को ब्लैक होल के दूसरे आकार के होने पर भी लागू करके देख रहे हैं. उनका साफ मानना है कि इन चार आसानी से समझ में आने वाले आयामों के आगे भले ही हम देख या छू ना पाएं, इसके स्पेस में काम करने के तरीकों पर गहरा असर हो सकता है. ऐसे हालात में ब्लैक होल का आकार गोलाकार से हटकर हो सकता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक आयाम स्पेस और ब्रह्माण्ड का समझ को पूरी तरह से बदल सकते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
की जा रही हैं कई तरह की गणनाएं
इन आकारों का पता लागने के लिए वैज्ञानिक और ज्यादा आयामों की जानकारी ले रहे है और इसके लिए वे गणना भी कर रहे हैं. और इस कवायद में उन्हें रोचक संभावनाएं मिली हैं. उन्होंने साफ पाया है कि ब्लैक होल के कई तरह के आकार हो सकते हैं. और यह केवल एक थ्योरी भर नहीं है.
कणों के स्तर पर है बहुत उम्मीद
कणों के भौतिकविद इस विचार को गंभीरता से ले रहे हैं कि सूक्ष्म ब्लैक होल पार्टिकल एक्सीलरेटर्स में बहुत ही ज्यचादा ऊर्जा वाले टकराव से पैदा हो सकते हैं. अगर इन महीने ब्लैक होल के छोटे से अस्तित्व काल में अगर हम इन्हें पहचान सके तो हो सकता है कि इनसे हमें ब्रह्माण्ड में और ज्यादा आयाम के प्रमाण मिल सकते हैं.
ब्लैक होल के आकार पर अल्बर्ट आइंस्टीन के समीकरण अधिक आयाम में कुछ और ही नजारा दिखा सकते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
इक्वेशन्स बताती हैं आकार
ब्लैक होल के बारे में बहुत कुछ बताने वाले महान वैज्ञानिक आइंस्टीन ने स्पेस और टाइम को लेकर कई इक्वेशन या समीकर बताए थे जो ब्लैक होल के आसपास के हाल को समझने में मदद करते हैं. सामन्य आयाम में इनके मुताबिक ब्लैक होल गोलाकार होता है, लेकिन अधिक आयामों मामला जटिल और रोचक हो जाता है.
आकार का बदलना
इसे ऐसे समझे कि एक तारा समय के साथ कई बार आकार बदल सकता है. कई बार उसकी सीमा पर बहुत सारा पदार्थ उसे एक डिस्क का आकार दे सकता है. जैसे पहले कोई गेंद पहले संतरे जैसी चपटी हो सकती और यह घूमते हुए और दब कर एक डिस्क में बदलती चली जाएगी. जैसा कि भारत में माताएं रोटी की गेंद गोल कर उसे घुमा घुमा कर एक डिस्क के आकार में ले आती हैं.
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इस दिशा में जब हमारे वैज्ञानिक व्यवहारिक तौर पर पड़ताल करेंगे तो उन्हें पूरी उम्मीद है कि हमें कुछ बहुत ही चौंकाने वाली खोज मिल सकती हैं जिससे हमें ब्लैक होल के वास्तविक आकारों के सही व्याख्या करने का मौका दे सकती हैं
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 19:31 IST