Explainer: बदल रहा है पृथ्वी के महासागरों का रंग, बड़े गंभीर हैं इसके मायने!

2 hours ago 2

दुनिया में जलवायु परिवर्तन के कई सकेंत खतरनाक कहानी बयां कर रहे हैं. चाहे ध्रुवों पर पिघलती बर्फ हो, या फिर हर मौसम में तेज बढ़ती गर्मी और सर्दी,  मौसम और जलवायु अपने चरम प्रभाव दिखाने पर तुले दिखते हैं. पर इस दौरान महासागरों की बात कम होती है. ये सच है कि वैज्ञानिक महासागरों के बढ़ते  तापमान से चिंतित हैं. पर जलवायु परिवर्तन के असर को लेकर महासागरों का जिक्र कम होता है. लेकिन हाल ही में एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने महासागरों के बदलते रंग पर चिंता जाहिर की है और उन्होंने बताया है कि यह मामला हलका दिखता जरूर है पर इसे बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है.

बड़े पैमाने पर बदल रहा है रंग
वैज्ञानिकों ने बीते 20 सालों सैटेलाइट और विमानों के लिए महासागरों के रंगों पर निगरानी रखी और पाया कि महासागरों के रंग में बड़े पैमाने पर बदलाव हो रहा है जो कि हमारे समुद्रों की सतह के नीचे के हो रहे अहम बदलावों की ओर इशारा करता है. अमेरिका में मैसाचुसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की वरिष्ठ शोधकर्ता स्टेफ़नी डुटकीविक्ज़ उस टीम का हिस्सा हैं जो इस बात पर चिंता जता रही है कि इन रंग के बदलावों का हमारे ग्रह की सेहत पर क्या असर होगा.

इसके लिए जिम्मेदार कौन?
उनका कहना है कि केवल अध्ययन के नतीजे ही ये इशारा नहीं कर रहे हैं, बल्कि अब तो दिखने भी लगा है कि महासागर बदल रहे हैं. यूके के नेशनल ओशीनोग्राफी सेंटर के और अन्य शोधकर्ताओं ने नेचर में प्रकाशित अपने अध्ययन में पाया है कि दुनिया के आधे से ज्यादा महासागरों के रंग में बदलाव देखा गया है और खास बात ये है कि ये बदलाव कुदरती नहीं बल्कि इंसानी गतिविधियों का नतीजा है.

Ocean colour, water  colour change, Amazing science, subject   research, subject   news, shocking news, Environment, Climate change, Global warming,

सैटेलाइट के आंकड़े साफ बताते हैं कि हालात चिंता जनक है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

क्या मतलब है इस रंग बदलने का
अध्ययन में पाया गया है कि भूमध्य रेखा के पास के इलाके, जिन्हें कटिबंधीय क्षेत्र कहते हैं, के महासागरों का रंग ज्यादा हरा होता गया है. यह बताता है कि महासागरों की सतह के नीचे के इकोसिस्टम बदल रहे हैं. यह रंग खास तौर से महासागर की ऊपरी परत की वजह से बनता है जिसमें फायटोप्लैंक्टॉन जैसे महीन जीव होते हैं. फायटो प्लैंकटॉन सूक्ष्म स्तर के पौधे जैसे जीव होते हैं जिनमें क्लोरोफिल होता है जिससे उनका रंग हरा होता है. इनकी वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को पकड़ने और महासागर की खाद्य शृंखला में अहम भूमिका निभाते हैं. इनकी जनसंख्या में बदलाव के समुद्री इकोसिस्टम और वैश्विक कार्बन चक्र पर गहरा सर हो सकता है.

रंग पर नजर रखना फायदेमंद
अध्ययन के प्रमुख लेखक बीबी काएल का कहना है कि प्रमाण दर्शाते हैं कि इंसानी गतिविधियां पृथ्वी पर बड़े पैमाने पर असर डाल रही हैं. केवल क्लोरोफिल स्तर पर नजर रखना बहुत देर से नतीजे देता है. डुटकीविक्ज़ और उनके साथियों का कहना है कि महासागरों  के रंग बहुत कुछ बता सकते है और ऐसे बदलाव 20 साल में दिखाई देने लगते हैं.

Ocean colour, water  colour change, Amazing science, subject   research, subject   news, shocking news, Environment, Climate change, Global warming,

महासागरों के रंग बदलने का मतलब यहां के हर जीव पर गहरा असर पड़ना बताता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

सभी समुद्री जानवरों पर दिखेगा असर
टीम ने नासा के एक्वा सैटेलाइट के मॉडरेट रिसोल्यूशन इमेजिंग स्पैक्ट्रोरेडियो मीटर  से किए गए 20 साल के आंकड़ों का विश्लेषण में भी वही पाया जो उनके मॉडल के नतीजे बता रहे हैं. रंगों में बदलाव साफ बता रहा है कि छोटे समुद्री जीवों से लेकर बड़ी मछलियों तक में बदलाव आ रहा है. इस बदलाव से सीधे वे जानवर प्रभावित होंगे जो फायटोप्लैंकटॉन खाते हैं. जिससे खाद्य शृंखला के अंतिम जानवर पर असर देखने को मिलेगा.

यह भी पढ़ें: Explainer: क्या कहानियों की तरह असल जिंदगी में भी बुद्धिमान होते हैं कौवे, क्या कहती है साइंस?

साफ है कि कैसे इंसानी गतिविधियों का हमारे ग्रह पर कितना गहरा असर हो रहा है.  ऐसे में हमें जलवायु परिवर्तन को रोकने के संबंधी कवायदों को केवल जमीन तक ही सीमित नहीं रखना होगा, बल्कि महासागरों तक ले जाना होगा और ऐसा करने के लिए हमारे पर अब वाकई कम समय हैनॉ

Tags: Bizarre news, Science facts, Science news, Shocking news, Weird news

FIRST PUBLISHED :

November 28, 2024, 19:40 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article