13 जनवरी को शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी यानी महाशिवरात्रि के दिन तक चलेगा। प्रयागराज में लगने वाले इस महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि महाकुंभ स्नान से जातक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पूर्णकुंभ हर 12 वर्ष के बाद लगता है। संगम तट के कारण महाकुंभ की मान्यता ज्यादा है। कुंभ में सबसे ज्यादा महत्व अमृत स्नान (शाही स्नान) का होता है। महाकुंभ 2025 का अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 को संपन्न हो चुका है। ऐसे में अब बारी दूसरे अमृत स्नान की है।
बन रहा सिद्ध योग
दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या तिथि के दिन पड़ रहा है। इस तिथि पर उत्तराषाढ़ी नक्षत्र औऱ सिद्ध योग बना रहा है, जो महाकुंभ के दौरान शिवजी की पूजा के लिए बेहद शुभ है। ऐसे में आप दूसरे अमृत स्नान के दिन यानी मौनी अमावस्या तिथि पर शिव जी की पूजा अराधना करेंगे तो आपको मनोवांछित फल मिल सकता है। साथ ही कालसर्प दोष से भी छुटकारा मिल सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन मंत्रों के जाप से महादेव की पूजा करनी है...
शिव जी का शक्तिशाली मंत्र
ऐं ह्रीं श्रीं 'ऊँ नम: शिवाय:' श्रीं ह्रीं ऐं।
ऊँ हौं जूं स:
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
शिव जी का मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय।।
शिव ध्यान मंत्र
ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं।
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।।
पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं।
विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)