भोपाल. टाइगर को लेकर मध्य प्रदेश से बड़ी खबर है. मध्य प्रदेश का वन विभाग टाइगर के दो कथित शिकारियों की जानकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation-CBI) और इंटरपोल से साझा करेगा. दरअसल, सीबीआई इंटरपोल के साथ मिलकर नई दिल्ली मुख्यालय में 4 अक्टूबर से दो दिवसीय रीजनल इंवेस्टिगेटिव एंड एनालिटिकल केस मीटिंग आयोजित कर रहा है. इसका उद्देश्य बाघों की तस्करी रोकना है. सूत्र बताते हैं कि वन विभाग ताशी शेरपा और आदिन सिंह उर्फ कल्ला बावरिया की जानकारी साझा करेंगे. स्पेशल टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने जनवरी महीने में शेरपा को गिरफ्तार किया था. उस पर वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के नियम के मुताबिक मामला दर्ज किया गया था.
उसे वन विभाग की टीम ने पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी के पानी टंकी इलाके से गिरफ्तार किया था. भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, वन विभाग को बाघ के शिकार और उसकी हड्डियों की तस्करी के मामलों में आरोपी शेरपा की कई दिनों से तलाश थी. इस मामले में साल 2015 में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, सोहागपुर में मामला दर्ज किया गया था. उसके बाद इस केस को स्पेशल टाइगर स्ट्राइक फोर्स को ट्रांसफर कर दिया गया था. उसके बाद इस विशेष दस्ते ने वाइल्ड लाइफ अपराधों के संगठन को ध्वस्त कर दिया था. टीम ने इस मामले में तीस लोगों को गिरफ्तार किया था. टीम ने इस मामले के किंगपिन जेई तमांग को भी गिरफ्तार कर लिया था.
भारत-नेपाल सीमा पर होता है शिकार
दिसंबर 2022 में नर्मदापुरम कोर्ट ने 27 आरोपियों को दोषी पाया. अदालत ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई. इन्हीं में ताशी शामिल था. वह मौका देखकर भाग निकला था. उसे इस साल जनवरी में भारत-नेपाल सीमा, दार्जिलिंग से गिरफ्तार किया गया. ताशी के पास दिल्ली के पते का आधार कार्ड है. वह फिलहाल आदिन सिंह के साथ प्रदेश की जेल में बंद है. आदिन भारतीय सीमाओं पर शिकार करने वाला खूंखार शिकारी है.
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FIRST PUBLISHED :
October 4, 2024, 10:33 IST