मोहित शर्मा/करौली: आपदा और प्राकृतिक संकट के समय NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) कैसे राहत और बचाव कार्य करता है, इसका जीवंत उदाहरण हाल ही में राजस्थान के करौली में देखने को मिला. NDRF ने करौली के मंडरायल रोड स्थित रणगमा तालाब पर एक संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थितियों में राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम देना था.
मॉक ड्रिल में क्या हुआ?
मॉक ड्रिल के दौरान NDRF और सिविल डिफेंस की टीमों ने बाढ़ में फंसे तीन गांवों के ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया का अभ्यास किया. साथ ही, नाव पलटने की स्थिति में डूबते हुए लोगों को बचाने और उनके उपचार की तैयारी की गई. इस मॉक ड्रिल में कई आपातकालीन उपकरणों का उपयोग किया गया और विभिन्न प्रकार की बाढ़ राहत तकनीकों का प्रदर्शन हुआ.
NDRF का प्रदर्शन
NDRF टीम ने बाढ़ आपदा के दौरान फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का लाइव प्रदर्शन किया. इस दौरान दिखाया गया कि किस प्रकार टीम तेजी से काम करते हुए और विभिन्न विभागों के साथ तालमेल बिठाकर राहत कार्य करती है. स्टेट कमांडर योगेश कुमार ने बताया कि यह मॉक ड्रिल आपात स्थिति में टीम की प्रतिक्रिया और सहयोग का परीक्षण करने के लिए की गई थी.
राहत कार्यों में सुधार
इस तरह के अभ्यास से NDRF यह दिखाने में सफल रही कि किसी भी आपदा के समय तुरंत और प्रभावी रूप से लोगों की जान कैसे बचाई जा सकती है. करौली में हुए इस मॉक ड्रिल ने आपदा से निपटने के लिए की गई तैयारियों को और मजबूत किया है.
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FIRST PUBLISHED :
October 20, 2024, 16:20 IST