इस्लामाबाद: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी की विरोध प्रदर्शन करने की योजना के चलते सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को इस्लामाबाद में सेना के जवानों को तैनात किया गया. संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत तैनात सेना के जवान आगामी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 5-17 अक्टूबर तक शहर में रहेंगे. पाकिस्तान 15-16 अक्टूबर को एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.
इमरान खान की पार्टी ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश के सैन्यकर्मियों ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर को गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद में केपी हाउस में “जबरन घुसकर” हमला किया. हालांकि, कुछ ही देर बाद पार्टी ने इस दावे को वापस ले लिया.
PTI क्यों कर रही है विरोध प्रदर्शन
गंडापुर की गिरफ्तारी की खबरें तब आईं जब वह अपनी पार्टी के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनने के लिए संघीय राजधानी पहुंचे. विरोध प्रदर्शन का आह्वान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक खान ने किया था, जो एक साल से अधिक समय से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. पीटीआई खान की रिहाई, न्यायपालिका के साथ एकजुटता व्यक्त करने और महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है.
इस्लामाबाद में टेंशन
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों के बाद राजधानी में तनाव बढ़ता जा रहा है. भारी नाकेबंदी और कड़ी सुरक्षा के बावजूद पार्टी ने लाहौर में अपने नियोजित विरोध प्रदर्शन को जारी रखने का फैसला किया है.
प्रदर्शनकारी शहर के रेड जोन में इकट्ठा होने की योजना बना रहे हैं, जहां देश की संसद और विदेशी दूतावासों का एक मजबूत घेरा है. खान की पार्टी ने हिंसा का इस्तेमाल करने से इनकार किया है और कहा है कि वह शांतिपूर्ण सभा करना चाहती है. नकवी ने पहले पीटीआई से शहर में राजनयिक कार्यक्रमों के बाद तक किसी भी सभा को स्थगित करने का आह्वान किया था, जिसमें 15-16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक भी शामिल है, जिसमें चीन, रूस और भारत के प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे.
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FIRST PUBLISHED :
October 6, 2024, 11:31 IST