इजरायल ने ईरान से बदला लेने की कसम खाई है. बैलिस्टिक मिसाइल हमलों के बाद इजरायल ने कहा है कि ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. अटकलें लगाई जा रही हैं कि इजरायल, ईरान की ऑयल रिफाइनरी या परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है. हालांकि इजरायल के करीबी अमेरिका, ने उससे ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला न करने की अपील की है. अमेरिकी विदेश विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने CNN को बताया कि इजरायल ने इस सलाह को मानने का आश्वासन नहीं दिया है.
यह भी चर्चा है कि इजरायल 7 अक्टूबर को हमास के हमले की पहली बरसी पर ईरान पर हमला कर सकता है. तो क्या ईरान के पास परमाणु हथियार हैं, उसने अपने न्यूक्लियर वेपन कहां छिपाकर रखे हैं? समझते हैं इस Explainer में …
क्या ईरान के पास परमाणु हथियार है?
ईरान के परमाणु हथियार को लेकर कई सालों से कयास लग रहे हैं. उसने कभी खुलकर नहीं माना है कि उसके पास न्यूक्लियर वेपन हैं. पर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था का मानना है कि ईरान 2003 से ही परमाणु हथियार कार्यक्रम पर काम कर रहा है. जिसे उसने बीच में कुछ वक्त के लिए रोक दिया था. साल 2015 में
ईरान साल 2015 में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत पाने लिए अपनी परमाणु गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने को राजी हुआ. हालांकि 2018 में जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस समझौते से बाहर निकलने का ऐलान कर दिया. इसके बाद यह समझौता खटाई में पड़ गया. ईरान (Iran) ने भी प्रतिबंधों को वापस लेना शुरू कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक 2018 के बाद से ईरान अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का तेजी से विस्तार कर रहा है.
वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के पास अब उच्च संवर्धित यूरेनियम (Highly Enriched Uranium) की आपूर्ति है, जिससे वह कुछ दिनों या हफ्तों के भीतर कम से कम तीन परमाणु बम बना सकता है.
कितने परमाणु बम का मैटेरियल
अमेरिकी अखबार के मुताबिक ईरान छह महीनों के अंदर एक क्रूड न्यूक्लियर डिवाइस (Crude Nuclear Device) बनाने में सक्षम है. जबकि दो साल के अंदर मिसाइल से लॉन्च करने लायक परमाणु हथियार बना सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान अब दो ठिकानों पर 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा है और उसके पास लगभग चार बमों के लिए पर्याप्त सामग्री है.
कहां हैं ईरान के परमाणु ठिकाने
1. नतांज
नतांज ईरान का मुख्य यूरेनियम संवर्धन स्थल है. यह तेहरान से लगभग 300 किलोमीटर दक्षिण में इस्फ़हान प्रांत में स्थित है. यहां दो प्लांट लगे हैं. पहला- अंडरग्राउंड फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (FEP) और दूसरा- अपर पायलट फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (PFEP). साल 2002 में एक निर्वासित ईरानी समूह ने इस ठिकाने का खुलासा किया था. DW के अनुसार, यह वही जगह है जहां ईरान यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए सेंट्रीफ्यूज रखता है. यह बंकरों में बनाया गया है. नतांज को कई बार निशाना बनाया जा चुका है.
2. फोर्डो
फोर्डो एक पहाड़ी इलाका है. पहाड़ को तोड़कर उसके बीच ईरान ने परमाणु ठिकाना बनाया है ताकि इजरायल की बमबारी से नुकसान न हो. 2015 में जो समझौता हुआ था उसके मुताबिक ईरान को फोर्डो में बिल्कुल भी यूरेनियन संवर्धन की अनुमति नहीं थी. अब वहां 1,000 से अधिक सेंट्रीफ्यूज काम कर रहे हैं, जिनमें से कुछ उन्नत IR-6 मशीनें हैं.
3. इस्फहान
ईरान के दूसरा सबसे बड़े शहर इस्फ़हान के बाहरी इलाके में एक बड़ा परमाणु प्रौद्योगिकी केंद्र है. इसमें फ्यूल प्लेट फैब्रिकेशन प्लांट (FPFP) और यूरेनियम कन्वर्ज़न फैसिलिटी (UCF) शामिल हैं, जो यूरेनियम को यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड में बदल सकते हैं, जिसे सेंट्रीफ्यूज में डाला जाता है. इस्फहान में यूरेनियम मेटल बनाने के उपकरण भी हैं, जो परमाणु बम के कोर को बनाने में किया जा सकता है. IAEA ने कहा है कि इस्फ़हान में सेंट्रीफ्यूज पार्ट्स बनाने की मशीनें हैं.
4. खोंदाब
ईरान के पास एक आंशिक रूप से निर्मित वाटर रिसर्च रिएक्टर भी है, जिसे पहले अराक कहा जाता था और अब खोंदाब कहा जाता है. वॉटर रिएक्टर्स परमाणु प्रसार के लिए जोखिम पैदा करते हैं, क्योंकि वे आसानी से प्लूटोनियम का उत्पादन कर सकते हैं. जिसका उपयोग परमाणु बम के कोर को बनाने में किया जा सकता है. 2015 के समझौते के तहत यहां निर्माण को रोक दिया गया था और रिएक्टर के कोर को हटा दिया गया था. इसे कंक्रीट से भर दिया गया था, ताकि किसी काम न आ सके.
5. तेहरान रिसर्च सेंटर
DW की रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान अनुसंधान केंद्र (Tehran Research Centre) में भी एक रिसर्च रिएक्टर है. यहां कैंसर उपचार और परमाणु चिकित्सा में उपयोग किए जाने वाले चिकित्सा रेडियोआइसोटोप के उत्पादन की सुविधा है. यदि उच्च समृद्ध यूरेनियम का उपयोग किया जाता है, तो इस फैसिलिटी को भी सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है.
6. बुशेहर
यह ईरान का एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र, जो खाड़ी तट पर स्थित है और रूसी ईंधन से चलता है. हालांकि यह परमाणु ऊर्जा संयंत्र बिजली उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है और सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता.
7. करज
यह सेंटर कृषि और चिकित्सा क्षेत्र में परमाणु प्रौद्योगिकियों के लिए एक अनुसंधान केंद्र के तौर पर काम करता हैस लेकिन यह यूरेनियम संवर्धन के लिए सेंट्रीफ्यूज के उत्पादन और विकास के लिए भी एक साइट के रूप में काम कर सकता है.
8. सगहंद
सगहंद यूरेनियम खदान यज़्द प्रांत के रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित है. ईरान ने 2013 में इस खदान में कम-ग्रेड के यूरेनियम अयस्क को निकालने का काम शुरू किया था. यहां से लो ग्रेड यूरेनियम निकालने के बाद इसे अर्दाकान में शुद्ध यूरेनियम में बदल दिया जाता है.
9. पारचिन
पारचिन एक सैन्य अड्डा है जहां पारंपरिक हथियारों और मिसाइलों का परीक्षण किया जाता है. हालांकि, IAEA ने पहले संदेह जताया था कि ईरान ने पारचिन में परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटक ट्रिगर्स का परीक्षण किया है.
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FIRST PUBLISHED :
October 6, 2024, 13:41 IST