नई दिल्ली. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए), 2002 के नियमों के तहत कई ट्रस्टों, कंपनियों और लोगों के नाम पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मालिकाना हक वाली और कंट्रोल वाली 35.43 करोड़ रुपये की 19 अचल संपत्तियों को जब्त किया है. सेंट्रल एजेंसी ईडी ने 16 अक्टूबर को इन संपत्तियों को जब्त किया. इससे पहले ईडी ने 16 अप्रैल को 21.13 करोड़ रुपये की 16 अचल संपत्तियों को भी जब्त किया था. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और अन्य मामले में एजेंसी ने अब तक 56.56 करोड़ रुपये मूल्य की कुल 35 अचल संपत्तियों को जब्त किया है.
‘टाइम्स नाउ’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने खुलासा किया कि पीएफआई शारीरिक शिक्षा (पीई) कक्षाओं की आड़ में कई तरह के वार, मुक्का, लात, चाकू और डंडे से हमले का उपयोग करके आक्रामक और रक्षात्मक युद्धाभ्यास सिखाने के लिए हथियारों का प्रशिक्षण दे रहा था. ईडी ने कहा कि ये कक्षाएं नकली मालिकों के नाम से रजिस्टर्ड जगहों पर चलाई जाती थीं. दिलचस्प बात यह है कि पीएफआई के पास अपने नाम पर रजिस्टर्ड एक भी संपत्ति नहीं है. शारीरिक शिक्षा की कक्षाओं की आड़ में हथियारों का ट्रेनिंग देने का ऐसा ही एक मामला 2013 में नारथ आर्म्स कैंप का था. जिसमें पीएफआई अपने कार्यकर्ताओं को कन्नूर जिले के नारथ में एक हथियार शिविर में विस्फोटकों और हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रहा था. इसका मकसद दूसरे धर्मों से दुश्मनी को बढ़ावा देना और कार्यकर्ताओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए तैयार करना था.
13000 से अधिक एक्टिव मेंबर
जांच से पता चला है कि सिंगापुर और कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात सहित खाड़ी देशों में पीएफआई के 13,000 से अधिक एक्टिव मेंबर हैं. पीएफआई ने खाड़ी देशों में रहने वाले प्रवासी मुस्लिमों के लिए जिला कार्यकारी समितियों (डीईसी) का गठन किया है. जिन्हें पैसे की उगाही का काम सौंपा गया है. हर डीईसी को धन संग्रह के लिए कई करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया था. विदेशों से जुटाई गई रकम को घुमावदार बैंकिंग चैनलों के साथ-साथ भूमिगत हवाला चैनलों के जरिये भारत में लाया गया. जिससे उनके मूल सोर्स का पता नहीं लगाया जा सके.
पीएफआई को गैर कानूनी फंडिंग
उसके बाद पैसे को पीएफआई और उसके पदाधिकारियों को उनकी आतंकवादी और गैरकानूनी गतिविधियों की फंडिंग करने के लिए सौंप दिया गया. ईडी ने कहा कि जांच के दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए विरोध के कुछ खतरनाक तरीकों की पहचान की गई है. इनमें समाज में अशांति और संघर्ष पैदा करके गृहयुद्ध की तैयारी के लिए कदम उठाना, गुरिल्ला थिएटर, वैकल्पिक संचार सिस्टम बनाना आदि शामिल हैं. पीएफआई के दूसरे तरीकों में लोगों को ताना मारना, भाईचारा, नकली अंतिम संस्कार, आदि शामिल हैं. पीएफआई की स्थापना 2006 में कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (केएफडी) और नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के विलय से हुई थी.
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FIRST PUBLISHED :
October 18, 2024, 20:40 IST