श्रीनगर से करीब 75 किलोमीटर दूर दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के हिरपोरा गांव के घने जंगलों में भगवान शिव से जुड़ा एक प्राचीन स्थल मिला है। ऐसा माना जाता है कि 600 साल पहले यहां एक मंदिर बनाया गया था, जिसके कुछ निशान आज भी मौजूद हैं, जहां भगवान शिव की पूजा की जाती थी। हिरोपोरा इलाका शोपैन का आखिरी गांव है। कहा जाता है कि इस गांव का जिक्र कल्हण ने राजतृणगी में भी किया है। जिससे ये साफ जाहिर होता है कि इस सेठन पर साधु संत रहा करते थे जिसका सबूत आज भी मौजूद है। ऐतिहासिक मुगल रोड से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित, इस स्थल तक केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता है।
पहाड़ों में मिला शिव मंदिर
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जंगल की पगडंडियों में खोज करते हुए इस मंदिर का अवशेष मिला। जहां एक बड़ी चट्टान पर आकर्षक नक्काशी काटे गए हैं और छोटे मंदिर के आकार के आलों में स्थित तीन शिवलिंग जैसी आकृतियाँ भी बनी हुई हैं। स्थानीय निवासी तसलीम अहमद ने इस स्थल के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि शिवलिंग चट्टान में उकेरे गए तीन अलग-अलग मंदिर जैसे उद्घाटनों के भीतर स्थित हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्थानीय लोगों द्वारा पटुलपाल के रूप में यह स्थल कई शताब्दी पुराना हो सकता है। संभवतः राजा अवंतिवर्मन और उनके भाई सूर्यवर्मन के युग का यह मंदिर हो सकता है। जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने 600 साल पहले हिरपोरा बस्ती की स्थापना की थी। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि, "हम चाहते हैं कि इस स्थल को संरक्षित किया जाए।"
कश्मीर में छुपे इतिहास की याद दिलाता है ये प्राचीन स्थल
इस खोज ने इतिहासकारों और संस्कृतियों के विशेषज्ञों में विशेष रुचि पैदा की। जो इस स्थान को हिफाजत करने के लिए तत्काल प्रयासों की मांग कर रहे हैं क्योंकि यह खुद कश्मीर में छुपे इतिहास की याद दिलाता है। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस प्राचीन स्थल के बारे में और अधिक जानकारी मिल सकेंगी।
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