जालना: सर्दी का मौसम आते ही हमारे खानपान में बदलाव की जरूरत महसूस होती है. ऐसे में शरीर को अधिक पोषण देने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना बेहद जरूरी हो जाता है. इन्हीं में से एक है बाजरे की रोटी, जो न केवल स्वास्थ्यवर्धक है बल्कि आसानी से पचने वाली भी है.
बाजरे को क्यों कहा जाता है “सुपरफूड”?
बाजरे को उसकी उच्च फाइबर सामग्री, कम कैलोरी और पोषक तत्वों के कारण “सुपरफूड” के रूप में जाना जाता है. सर्दियों के मौसम में गन्ना श्रमिकों से लेकर आम नागरिकों तक बाजरे की रोटी की मांग बढ़ जाती है. यह न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि सेहत के लिए भी चमत्कारी साबित होती है.
सेहतमंद पोषक तत्वों का खजाना
बाजरा आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है. नियमित रूप से बाजरा खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा घटता है.
डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद
बाजरे का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान बनाता है. पोषण विशेषज्ञ डॉ. अमृता कुलकर्णी ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए बाजरे का सेवन बेहद लाभकारी है. यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है.
पाचन और वजन नियंत्रण में कारगर
बाजरे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे पचाना आसान होता है. बाजरे की रोटी खाने के बाद पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती. यह वजन को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. साथ ही, यह कब्ज और गैस जैसी समस्याओं को भी दूर करता है.
बाजरे की बढ़ती मांग और कीमतें
सर्दियों में बाजरे की रोटी की मांग कई गुना बढ़ जाती है. खासकर गन्ना श्रमिकों के लिए यह पोषण और ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है. बढ़ती मांग के चलते बाजार में इसकी कीमत भी बढ़ जाती है. जालना की कृषि उत्पादन मंडी समिति में इस समय बाजरा 3000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 20:54 IST