ओबरा का पेड़ा
औरंगाबाद. बिहार के औरंगाबाद में वैसे तो कई स्वादिष्ट आइटम खाने को मिल जाएगा, जिसके लिए ग्राहक मुंह मांगा कीमत देने को तैयार रहते हैं. चाहे फिर देव का चपचपवा चाट हो या अंबा का झरूआ लड्डू, मदनपुर का गुड़ पीआव सभी अपने स्वाद के लिए जाने जाते हैं. लेकिन, जिले के ओबरा का महाराज साव का पेड़ा अपने स्वाद के लिए प्रदेश भर में प्रसिद्ध हैं.पिछले 42 वर्षों से महाराज साव का पेड़ा फेमस है. एनएच 139 से सटे होने के कारण इस दुकान पर रोजाना सैकड़ों लोग पेड़ा खरीदने के लिए पहुंचते है. यहां रोज़ाना लगभग 1 क्विंटल से अधिक का पेड़े की बिक्री होती है.
42 वर्ष पहले हुई थी शुरूआत
इस दुकान के मालिक प्रमोद साव ने बताया कि महाराज एमएम साव उनके पिता थे. साल 1982 में महाराज साव के द्वारा पेड़ा बनाने का काम शुरू किया गया. देखते ही देखते पेड़े के स्वाद ने सैकड़ों ग्राहकों को अपनी ओर खींचा. बता दें कि महाराज साव के गुजरने के बाद उनके बच्चों ने इस दुकान का संचालन किया. महराज साव के पेड़े की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है. यहां के पेड़े की खासियत जानें कि ओबरा में महाराज साव के नाम पर दर्जनों दुकानें खुली हुई है.
200 क्विंटल दूध की रोज़ाना है खपत
महाराज साव के बेटे प्रमोद साव ने बताया कि इस दुकान में गाय के दूध का पेड़ा तैयार किया जाता है, जिसमें कम चीनी की मात्रा होती है. साथ ही इसमें इलायची पाउडर भी डाला जाता है, जिससे इसका स्वाद बढ़ जाता है. दुकानदार ने बताया कि यहां 200 क्विंटल दूध की रोजाना खपत है. इसी दूध से रोजाना पेड़ा तैयार किया जाता है. दुकानदार ने बताया कि सभी गाय के दूध स्थानीय लोकल ग्वालों से लिया जाता है.
400 रुपए किलो है क़ीमत
बता दें कि एनएच 139 से सट्टे होने के कारण दूर-दराज की गाड़िया यहां रूकती है और लोग पेड़ा खरीद कर ले जाते हैं. बता दें कि रोजाना 80 से 100 किलों पेड़े की बिक्री होती है. वहीं खास पर्व में 2 क्विंटल तक की बिक्री होती है. महाराज साव का यह पेड़ा 400 रूपए प्रति किलो बिकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 21:10 IST