अंबाला: भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस धूमधाम के साथ मनाया जाता है. बता दें कि 26 नवंबर 1949 को ही संविधान सभा ने भारत के नए संविधान को स्वीकार किया था. शुरुआत में संविधान हाथों द्वारा लिखा गया था, जिसमें कुछ संविधान की कॉपियां तैयार की गई थी. वहीं, अंबाला छावनी के सनातन धर्म कॉलेज में भी उस समय की एक ओरिजिनल कॉपी रखी है.
बता दें कि जब हमारे संविधान निर्माता ने संविधान लिखा था, तब उस समय संविधान को टेलीग्राफ द्वारा तैयार किया गया था. इसकी कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा हाथ से तैयार की गई थी. संविधान निर्माताओं ने हमारे धार्मिक ग्रंथों में से कुछ फोटो इस संविधान की कॉपी में दर्शायी है. साथ में संविधान की इस ओरिजिनल कॉपी में संविधान निर्माताओं ने अपने हस्ताक्षर भी किए हैं.
कॉलेज की लाइब्रेरी में कॉपी
वहीं, सनातन धर्म कॉलेज में संविधान की ओरिजिनल कॉपी को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और साथ में कॉलेज के बच्चों को हर साल संविधान दिवस के मौके पर यह ओरिजिनल कॉपी दिखाई जाती है. लोकल 18 को कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. चमन लाल ने बताया कि अंबाला छावनी के सनातन धर्म कॉलेज में संविधान की ओरिजिनल कॉपी रखी गई है. बताया कि जब संविधान बनकर तैयार हुआ था तो उस समय संविधान की कुछ कॉपियां बनाई गई थीं, जिसमें से यह एक कॉपी कॉलेज की लाइब्रेरी में रखी गई है.
संविधान निर्माता के हस्ताक्षर भी…
उन्होंने आगे बताया कि संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से तैयार किया था और संविधान की पुरानी कॉपी में धार्मिक ग्रंथों में से चित्रकला लेकर संविधान के अंदर दर्शायी गई है. इस संविधान की ओरिजिनल कॉपी में संविधान निर्माता के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं.