अक्टूबर में इस विधि से करें प्याज की खेती, 100 रुपए किलो तक जा सकता है भाव!

2 hours ago 1

X

प्याज

प्याज की खेती

श्रीनगर गढ़वाल. प्याज एक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग पूरे वर्ष भर बाजार में बनी रहती है, पिछले कुछ समय से प्याज की कीमतों में तेजी से बृद्धि हुई है. जिसको लेकर सरकार चिंतित है. कुछ दिनों पहले प्याज पर निर्यात शुल्क कम हुआ है. एक्सपर्ट के अनुसार इस साल प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो को पार कर सकती है. हालांकि खुदरा बाजार में अभी भी प्याज 60 रुपये प्रति किलो से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. इस लिहाज से देखा जाए तो इस रवि सीजन प्याज की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है. गौरतलब है कि अक्टूबर से नवंबर माह में रबी सीजन के लिए प्याज की खेती की जाती है. अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए किसानों को फसल में उचित देखभाल और खाद-पानी की सही मात्रा देनी होती है.

गढ़वाल विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग की कृषि विशेषज्ञ हिमानी राणा ने लोकल 18 को बताया कि प्याज की एक हेक्टेयर में खेती करने के लिए 8 से 10 किलो बीज की आवश्यकता होती है. प्याज की रोपाई करने के लिए 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान अच्छा माना जाता है. साथ ही 650 से 750 एमएम की बारिश भी जरूरी है. प्याज की खेती करने से पहले वह तीन से चार बार खेत की जुताई कर लें व मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिए खाद डालें. रोपाई के समय पंक्ति से पंक्ति के बीच के मध्य की दूरी 15 सेमी और पौधों से पौधों के बीच की दूरी 7.5 सेमी होना जरूरी है.

ऐसे करें बीजों का उपचार
हिमानी राणा बताती हैं कि प्याज की नर्सरी तैयार करने के लिए सबसे पहले बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करना आवश्यक है. बीज जनित फफूंद रोगों से बचाव के लिए बीजों को कैप्टान, थीरम या कार्बेन्डाजिम जैसे फफूंदनाशक से उपचारित किया जाता है. इसके लिए 2-3 ग्राम फफूंदनाशक को 1 किलो बीज के साथ अच्छी तरह मिलाया जाता है ताकि सभी बीज समान रूप से लेपित हो सकें. इस प्रक्रिया से बीजों को फफूंद जनित बीमारियों से सुरक्षा मिलती है, जिससे फसल की वृद्धि और उत्पादन क्षमता में बढ़ती है.

45 दिन बाद करें रोपाई
हिमानी राणा बताती हैं कि प्याज की पौध लगभग 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाती है, जिसके बाद इसे खेत में रोपित किया जाता है. पौध का रोपण शाम को करना चाहिए ताकि दिन की तेज धूप से पौध को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो. पौध लगाने के तुरंत बाद खेत में हल्की सिंचाई करनी आवश्यक होती है. सिंचाई करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि पानी की मात्रा अधिक न हो, ताकि पौध को नुकसान न पहुंचे.

कब करें सिंचाई?
हिमानी राणा बताती हैं कि शुरुआती दिनों में 1 से 2 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी पड़ती है, लेकिन जब पौध अच्छी तरह से स्थापित हो जाती है, तब सिंचाई का अंतराल बढ़ाकर 10 से 15 दिन किया जा सकता है. पौध लगाने के लगभग 120 दिनों बाद प्याज की फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है, और इस समय अच्छी देखभाल से उत्पादन में भी वृद्धि होती है.

Tags: Local18, Pauri news, Uttarakhand news

FIRST PUBLISHED :

October 3, 2024, 20:35 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article