अल्मोड़ा: पहाड़ों की स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है. उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में खुले मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल खुलने से लोगों में उम्मीद जगी थी कि यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं की तमाम सुविधा मरीजों को मिल पाएंगी. हालांकि ऐसा नहीं हुआ, ऑडियोलॉजिस्ट की कमी के चलते बधिर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज को अपनी जांच कराने के लिए हल्द्वानी या फिर बरेली के अलावा महानगरों की दौड़ लगानी पड़ रही है. बता दें कि ऑडियोलॉजिस्ट एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ होता है जो श्रवण, संतुलन और सुनने संबंधित समस्याओं का निदान उपचार और प्रबंधन करता है.
शासन को भेजा है पत्र
मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने इस बारे में बताया कि यहां ऑडियोलॉजिस्ट टेक्नीशियन के पद खाली पड़े हुए हैं. इसके लिए लगातार कोशिश की जा रही है और शासन को पत्र भी भेजा गया है. उन्होंने बताया कि ऑडियोलॉजिस्ट श्रवण, संतुलन और सुनने संबंधी समस्याओं को दूर करता है. इसमें श्रवण परीक्षण, सुनने संबंधी समस्याओं का उपचार, श्रवण यंत्रों का चयन और फिटिंग करना जैसे तमाम उपचार किए जाते हैं.
इसके अलावा दिव्यांग के प्रमाण पत्र भी यही जारी करता है पर मेडिकल कॉलेज में ऑडियोलॉजिस्ट नहीं होने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि जल्द से जल्द मेडिकल कॉलेज में भी ऑडियोलॉजिस्ट की तैनाती होगी और इससे मरीजों को लाभ मिलेगा.
जाना पड़ता है महानगरों की ओर
ऑडियोलॉजिस्ट टेक्नीशियन दिव्यांग लोगों के मेडिकल बनाने और उनके प्रमाणपत्र बनाने का भी काम करते हैं. लेकिन मेडिकल कॉलेज में ऑडियोलॉजिस्ट नहीं होने से मरीजों को हल्द्वानी, बरेली के अलावा महानगरों की ओर जाना पड़ रहा है. मेडिकल कॉलेज में बीआरए टेस्ट के लिए ऑडियोलॉजिस्ट ही नहीं है. अब देखने वाली बात होगी कि अल्मोड़ा के मेडिकल कॉलेज में ऑडियोलॉजिस्ट के पद कब तक भरे जाएंगे और मरीजों को इसकी सुविधा कब तक मिल पाएगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 11:50 IST