Last Updated:January 19, 2025, 12:37 IST
Republic Day 2025: आजादी की लड़ाई के दौरान कई वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी. देश के हर कोने में आजादी की जंग छिड़ी हुई थी. इसी दौरान फिरोजाबाद में भी स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के अत्याचार से परेशान होकर विद्रोह...और पढ़ें
धीर राजपूत/फिरोजाबाद: 1857 की आजादी की लड़ाई में यूपी के इस जिले का भी नाम लिया जाता है. जी हां, इस जिले में स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के अत्याचार से परेशान होकर विद्रोह कर दिया था और यहां स्थित एक रेलवे स्टेशन को फूंक दिया था. जिसके बाद अंग्रेजों ने स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर लटका दिया था. आज भी आजादी की जंग की बात होती है, तो इस रेलवे स्टेशन का नाम जरुर लिया जाता है. इस रेलवे स्टेशन के पास बसे गांव में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के लोग आज भी रह रहे हैं.
स्वतंत्रता सेनानियों ने हिरन गांव रेलवे स्टेशन में लगा दी थी आग
इतिहासकार प्रोफेसर ए.बी. चौबे ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि देश में आजादी की लड़ाई के दौरान कई वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी. देश के हर कोने में आजादी की जंग छिड़ी हुई थी. इसी दौरान फिरोजाबाद में भी स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के अत्याचार से परेशान होकर विद्रोह कर दिया था. बताया जाता है कि शहर से दूर बसे एक छोटे से हिरण गांव रेलवे स्टेशन को स्वतंत्रता सेनानियों ने फूंक दिया था. 1857 की क्रांति के दौरान यहां कई वीर सपूतों ने अंग्रेजों से विद्रोह कर दिया, जिसके बाद अंग्रेजों ने उन पर खूब अत्याचार किया. तभी एक दिन स्वतंत्रता सेनानियों ने योजना बनाते हुए हिरन गांव रेलवे स्टेशन में आग लगा दी. जिससे अंग्रेजों का सारा सामान जल गया. जिसके बाद अंग्रेजों ने गांव के स्वतंत्रता सेनानियों को पकड़ लिया और उन्हें फांसी पर लटका दिया था. आज भी आजादी का जश्न मनाते हुए लोग उनके बलिदानों को याद करते हैं.
महिलाओं ने भी कर दिए थे अंग्रेजों के दांत खट्टे
फिरोजाबाद में साल 1803 से लेकर के 1921 तक स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों से खूब लड़ाई लड़ी. फिरोजाबाद के अलग-अलग गांव से आकर स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के अत्याचारों का खूब विरोध किया. इतना ही नहीं इस लड़ाई में गांव की महिलाओं ने भी स्वतंत्रता सेनानियों का साथ दिया था और अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे. सन 1857 के समय सांती के भोले वाले बाग में सैकड़ों क्रांतिकारियों को पकड़ लिया गया. उन्हें पेड़ों पर फांसी दे दी गई. वहीं खैरगढ़ का भी अपना स्वतंत्रता में योगदान है. यहां के ठाकुर परिवार ने अंग्रेजों से युद्ध किया था. खैरगढ़ के बाबूराम ने कई बार जेल यात्राएं की. ग्राम जरौली के लाला हरदयाल गुप्ता, लालई के तेजपाल सिंह, दफामई के निहाल सिंह यादव, शेखूपुरा हाथबंत के झम्मन सिंह यादव जेल गए थे.
Location :
Firozabad,Uttar Pradesh
First Published :
January 19, 2025, 12:37 IST
आजादी की लड़ाई के दौरान आंदोलनकारियों ने फूंक दिया था यह रेलवे स्टेशन