नई दिल्ली. एक बस वाले को भी अंदाजा नहीं रहा होगा कि ऐसा नाम रखने पर इतना बवाल हो जाएगा. असल में एक शख्स को इजरायल से बहुत प्यार था. यहीं वजह है कि उस शख्स ने एक बस खरीदी तो उसने उसका नाम इजरायल रख दिया. फिर क्या था कई लोग इसके खिलाफ पुलिस स्टेशन पहुंच गए और बस मालिक के खिलाफ एफआईआर की मांग करने लगे. लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया.
बताया जा रहा है कि कर्नाटक के मुदुबिदिरे-किन्निगोली-कतीलु-मुल्की के बीच चलने वाली एक प्राइवेट बस मालिक ने अपनी बस का नाम इजराइल ट्रैवल्स रख लिया. बताया जा रहा है कि बस का मालिक पिछले 12 साल से अपने परिवार के साथ काम के सिलसिले में इजराइल में रह रहा है. हाल ही में उन्होंने मैंगलोर में एक पुरानी बस खरीदी और उसे मुल्की मूडबिदिरे रूट पर चलाते थे. इजराइल के प्रति अपना प्यार दिखाने के लिए उन्होंने इजराइल ट्रैवल्स के नाम से एक बस शुरुआत की.
बस मालिक पर एफआईआर दर्ज करने की मांग
इजराइल के नाम वाली बस को देखने वाले कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और सवाल उठाया कि अगर फिलिस्तीनी झंडा फहराना गलत है, तो बस का नाम इजराइल का नाम से रखना कोई अपराध नहीं है. पुलिस से मांग कि वह इस मामले में एफआईआर दर्ज करे. इससे ट्रैफिक पुलिस भी परेशानी में पड़ गई और अप्रत्यक्ष रूप से बस का नाम बदलने का सुझाव दे दिया. इन सभी घटनाक्रमों से तंग आकर, बस मालिक ने नाम बदलकर इजराइल ट्रैवल्स के बजाय जेरूसलम ट्रेवल्स कर दिया.
इजराइल के लिए प्यार
बस मालिक ने मीडिया को बताया कि इज़राइल ने मुझे जीवन दिया है. हमारी पवित्र भूमि, येरुशलम इजराइल में है. मुझे यहां की व्यवस्था पसंद है, इसलिए मैंने इसका नाम इज़राइल ट्रैवल्स रखा. मूल रूप से कैटिल के रहने वाले लेस्टर 12 सालों से इजराइल में काम कर रहे हैं. उनका परिवार बस चलाता है. हाल के दिनों में इजराइल और फिलिस्तीन, इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष तेज हो गया है. इजराइल मध्य पूर्व के अन्य देशों के साथ भी युद्ध में है. ऐसे में चूंकि यह धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाला संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए बस का नाम बदलना उनके लिए जरूरी है.
सवाल यह है कि एफआईआर क्यों नहीं होती?
फिलिस्तीनी समर्थक व्हाट्सएप स्टेटस डालने पर, फिलिस्तीनी झंडा रखने पर, फिलिस्तीन के पक्ष में विरोध करने पर एफआईआर होती है लेकिन इजराइल के स्टिकर का नाम लगाने पर कोई एफआईआर नहीं होती. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मामले पर सवाल उठाए हैं. इजराइल की राजधानी जेरूसलम धार्मिक कारणों से भी पवित्र शहर है. फिलिस्तीन भी इस शहर पर अपना दावा करता है. इसे यहूदी, मुस्लिम और ईसाई समुदाय अपने पवित्र स्थान के रूप में मान्यता देते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 7, 2024, 17:58 IST