पंकज सिंगटा/शिमला: हिमाचल प्रदेश बागवानी उपज विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (HPMC) ने इस वर्ष अभी तक तीन संयंत्रों के माध्यम से रिकॉर्ड 1,545 मीट्रिक टन सेब जूस कंसन्ट्रेट का प्रसंस्करण किया है. इस कड़ी में शिमला जिला के पराला संयंत्र से 814 मीट्रिक टन, सोलन जिला के परवाणु संयंत्र से 653 मीट्रिक टन और मंडी जिला के जरोल संयंत्र से 78 मीट्रिक टन सेब जूस कंसट्रेट का प्रसंस्करण किया गया है. HPMC खरीदे गए लगभग सभी सेबों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित कर रहा है. बहुत कम संख्या में फलों को नीलामी के माध्यम से बेचा जा रहा है. खरीद मानकों की अनुपालना करते हुए. इस सीजन में खरीदे गए 92 प्रतिशत सेबों का प्रसंस्करण किया जा रहा है.
इस वर्ष मंडी मध्यस्थता योजना(MIS) के तहत हिमाचल प्रदेश में कुल 29,200 मीट्रिक टन सेब खरीदे गए हैं. इसमें HPMC के 206 खरीद केंद्रों के माध्यम से 19,437 मीट्रिक टन और हिमफेड के 109 केंद्रों के माध्यम से 9,764 मीट्रिक टन सेब खरीदे गए है. हिमाचल प्रदेश में सेब का सीजन जारी है. MIS के तहत सेब खरीदे जा रहे हैं. खरीद बढ़ने के साथ प्रसंस्करण में भी वृद्धि होने की संभावना है. MIS के तहत सेब खरीद की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास में, HPMC ने क्रेटों का उपयोग करके किसानों से 1,219 मीट्रिक टन सेब की खरीद की है. पहली बार चंबा जिले के दूरदराज के क्षेत्र पांगी में भी सेब की खरीद शुरू हो गई है.
सीए स्टोर के किराए को किया गया कम
HPMC ने MIS में सुधार के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है. इसके माध्यम से खरीद की प्रक्रिया है. अब ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से की जाती है. इसमें खरीद, परिवहन, प्रसंस्करण संयंत्रों में फलों की नीलामी, सीए स्टोर की बुकिंग और सीधे बैंक हस्तांतरण लिंकेज के आंकड़े उपलब्ध होते हैं. इससे सेब उत्पादकों को पारदर्शी तरीके से सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. वर्तमान प्रदेश सरकार ने सेब की बिक्री के लिए यूनिवर्सल कार्टन के उपयोग को अनिवार्य बनाकर सेब उत्पादकों के कल्याण को सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है. इसके अलावा, राज्य सरकार ने सीए स्टोर के लिए किराया शुल्क भी 1.90 रुपये से घटाकर 1.60 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है.
किन्नौर के टापरी में खुलेगा जियोथर्मल कोल्ड स्टोर
बागवानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से HPMC ने सेब उत्पादकों को प्रदान किए जाने वाले कीटनाशकों और उर्वरकों के लाभ मार्जिन को 15 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया है. राज्य सरकार किन्नौर जिला के टापरी में जियोथर्मल कोल्ड स्टोर बनाने की योजना बना रही है, जो अगले वर्ष तक शुरू हो सकता है. HPMC ने अपनी प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि की है. पिछले वर्ष की 21,000 मीट्रिक टन की तुलना में क्रशिंग क्षमता में वर्ष 39,000 मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गई है. इसके अतिरिक्त, ग्रेडिंग और पैकेजिंग क्षमता 15,900 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 33,900 मीट्रिक टन हो गई है.
दिल्ली के मेट्रो स्टेशन सहित कई स्थानों पर खोले गए आउटलेट
पराला और जरोल की वाइन इकाइयों की संयुक्त वार्षिक क्षमता 1.50 लाख लीटर है. पराला में एक नई सिरका इकाई की वार्षिक क्षमता 50,000 लीटर है. जबकि पराला में एक नई पेक्टिन इकाई प्रति दिन 1.2 मीट्रिक टन उत्पादन कर सकती है. रेडी टू सर्व जूस इकाई की दैनिक क्षमता 20,000 लीटर है. HPMC देश में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए भारतीय वितरकों को शामिल कर रही हैं. HPMC ने दिल्ली मेट्रो स्टेशनों और देश भर के अन्य प्रमुख स्थानों पर नए खुदरा आउटलेट खोलकर बाजार में सफलतापूर्वक अपनी उपस्थिति दर्ज की है.
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FIRST PUBLISHED :
October 7, 2024, 19:42 IST