सहार में निवेश की रसीद दिखाते हुए निवेशक
बेगूसराय जिले के खांजहापुर गांव के लोगों ने अपनी जमीन बेचकर सहारा में निवेश किया था लेतिन अब उन्हें पैसे मिलने की उम्मी ...अधिक पढ़ें
- News18 Bihar
- Last Updated : October 20, 2024, 16:21 IST
बेगूसराय. अक्सर हम सभी पैसा डबल करने की सोचते रहते हैं. आशावादी मनुष्य को कम समय में निवेश कर दोगुना धन होने का लालच दिखाया जाता है. फिर इस लालच की चारदीवारी में फंसकर अपनी जिंदगी को तबाह कर लेते हैं. ऐसी ही कहानी आज हम जो लोकल 18 बिहार पर दिखाने जा रहे हैं. यह एक ऐसी लालच की कहानी है जिसमें फंसकर पूरा गांव बर्बाद हो गया. यह गांव है बिहार के बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर विधानसभा का खांजहापुर.
बताया जाता है कि यहां के लोग निवेश नहीं कर रहे थे और ऐसे तरीके ढूंढ रहे थे, जहां पैसा डबल किया जा सके. यहां तक कि लोग कम से कम समय में पैसा डबल करने के तरीके ढूंढ रहे थे. भरोसेमंद निवेश, रिस्क, टाइमिंग ऐसे कई फैक्टर्स हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर चलना चाहिए. लेकिन शॉर्टकट्स अपनाकर पैसे डबल करने के चक्कर में पूरे गांव की 5 करोड़ की राशि डूब गई. आज हालत ऐसा है कि इस गांव के लोगों को कोई कर्ज नहीं देता. लोकल 18 ने गांव वालों के हालत का जायजा लिया. देखिए ग्राउंड रिपोर्ट
जमीन बेचकर सहारा में जमा किया था पैसा
लोकल 18 ने जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर खांजहापुर गांव में लोगों से मुलाकात कर उनके हालत को समझने की कोशिश की. ग्रामीण अवनीश सिंह ने बताया कि सहारा के एजेंट ने बताया 6 साल में राशि दोगुनी हो जाएगी, इसलिए हमने जमीन बेचकर ढाई लाख रुपए जमा किए थे. हमें 5 साल पहले ही पता चला कि हमारे रुपये डूब चुके हैं अब कोई उम्मीद नहीं दिखती है. वहीं संजीव कुमार सिंह ने बताया गल्ला और कुछ जमीन बेचकर 5 लाख रुपए जमा किए थे सारा पैसा डूब चुका है. इतना ही नहीं इस गांव की मजदूर भट्टू साहनी ने भी ₹20000 रुपए जमा किए थे. इन लोगों ने बताया हमें कोई उम्मीद नहीं दिखती की पैसा रिटर्न होगा.
गांव में नहीं हो पा रही बेटियों की शादी
आज के दौर में ग्रामीण इलाकों में बेटियों की शादी सबसे बड़ी चिंता की वजह होती है. इस गांव के प्रमोद कुमार वर्मा ने बताया उनकी तीन बेटियां हैं और बेटियों की शादी के लिए जमीन, गाय आदि बेचकर 18 लाख रुपए जमा किए हैं ताकि 6 साल बाद जब बेटी 18 साल की हो जाएगी तो शादी के लिए मोटी रकम हमारे पास आ जाएगी लेकिन एक भी रुपया नहीं मिला. हमारी हालत यह कि अब हमारी बेटियों की शादी नहीं हो पा रही है. हम लोगों को कोई बेटियों की शादी के लिए भी कर्ज देना नहीं चाहता है.
गांव की 70 फीसदी आबादी की 5 करोड़ धनराशि डूबी
सहारा के कई एजेंट गांव में मिले इन लोगों ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. मौखिक यह बताया कि हर परिवार से दो-तीन सदस्यों ने डबल पैसा करने के लिए राशि जमा की थी. न्यूनतम 10 हजार तो अधिकतम 25 लाख तक एक-एक लोगों ने जमा किए थे. गांव के रामचरित महतो सहारा के एजेंट रह चुके हैं. उन्होंने लोकल 18 को गांव वालों की पासबुक दिखाते हुए बताया कि हमारा ₹5 लाख रुपये फंसे हुए हैं. गांव के 20000 परिवार का पैसा सहारा में जमा था. यानी गांव के 70 फीसदी आबादी की 5 करोड़ राशि डूब चुकी है. आज हालात यह है कि गांव वालों को बैंक भी कर्ज नहीं देना चाहता है. इस वजह से गांव का आर्थिक विकास रुका हुआ है.
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FIRST PUBLISHED :
October 20, 2024, 16:21 IST