इस तिलहनी फसल की करें खेती, इसके तेल के आगे सरसों भी है फेल

2 hours ago 1

X

कमाल

कमाल की फ़सल...

बलिया. तिलहन की खेती किसानों के लिए हमेशा से फायदेमंद रहा है. इसमें लागत के साथ-साथ उर्वरक और सिंचाई की भी कम जरूरत पड़ती है. तिलहन की एक ऐसी फसल जो किसानों को  खाद, उर्वरक और सिंचाई के अभाव में भी लखपति बना सकता है.

इस तिलहनी फसल के तेल के आगे सरसों, सूर्यमुखी और जैतून भी फेल है. इस तिलहनी फसल का नाम कुसुम है, इसे बर्रे के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ऐसी खेती है, जिसमें किसानों को समस्याओं का सामना ना के बराबर करना पड़ता है.

एक बीघा में 20 किलो तक बीज की पड़ती है जरूरत

श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी प्रो. अशोक कुमार सिंह के मुताबिक़ सूर्यमुखी और सरसों जैसे कुसुम भी एक तिलहनी फसल है. इस फसल के बोने का समय अक्टूबर यानी आ चुका है. इसके बीज से अधिक तेल निकलता है, जो खाने के साथ औषधि का भी गुण रखता है. उन्होंने बताया कि लगभग 15 से 20 किलो बीज एक बीघा खेत के लिए पर्याप्त होता है. इसकी खेती में किसान को बहुत अच्छा मुनाफा मिल जाता है. बलुई और दोमट यानी जल निकासी वाली मिट्टी इसकी खेती के लिए बेहद लाभकारी है. इसमें खाद, उर्वरक और सिंचाई की बहुत कम आवश्यकता पड़ती है. कतार से कतार की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधों के बीच की दूरी 20 सेंटीमीटर रखना चाहिए. इसके पौधे 120-130 दिनों में उत्पादन देने लगते हैं.

कुसुम की खेती करने के फायदे

प्रो. अशोक कुमार सिंह ने लोकल 18 को बताया कि कुसुम का तेल लिनोलिक एसिड से भरपूर होता है. यह हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए काफ़ी चर्चित है. इसमें ऐसे रसायन भी होते हैं जो खून के थक्कों को रोकने, रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने और रक्तचाप को कम करने में मदद करता है. इसका तेल सरसों के तेल जैसा ही खाने में बेहद उपयोगी होता है. इसके तमाम खासियत इसके कीमत को अमूल्य बनाते हैं. जिसकी खेती से किसान भी खूब मुनाफा कमाते हैं. उन्होंने बताया कि इसके पौधे कांटेदार होते हैं. इसलिए, इसकी कटाई करते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए. वैसे सरसों के अपेक्षा इससे ज्यादा तेल प्राप्त होता है. यह सरसों, सूर्यमुखी और जैतून से भी महत्वपूर्ण माना जाता है.

Tags: Agriculture, Ballia news, Local18, UP news

FIRST PUBLISHED :

October 1, 2024, 18:35 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article