परमजीत /देवघर: अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि बेहद खास होती है. क्योकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना की जाती है. इस एकादशी के दिन विधि विधान के साथ पूजा करने से भूलचूक से हुए पाप ख़त्म हो जाता है. इस एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते है. इस एकादशी मे पूजा के साथ दान का भी महत्व है. आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है.पापांकुशा एकादशी कब है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुदगल ने लोकल 18 से कहा की हर साल आश्विन माह के शुक्ल की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादसी कहते है. इस साल 13 अक्टूबर को एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखकर विष्णु भगवान की पूजा आराधना करने से अश्वमेध यज्ञ बराबर फल की प्राप्ति होती है. इस दिन हमेशा पीला वस्त्र धारण करना चाहिए.
कब शुरू हो रही है एकादशी तिथि
अश्विन मां के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस साल 13 अक्टूबर सुबह 7 बजकर 38 मिनट से एकादशी तिथि की शुरुआत होने जा रही है. समापन अगले दिन 14अक्टूबर सुबह 6 बजकर 54 मिनट मे हो रहा है. दिनभर एकादशी 13 अक्टूबर को है इसलिए 13 अक्टूबर को एकादशी का व्रत रखा जाएगा.इस व्रत का पारण 14अक्टूबर को किया जाएगा.
भूलकर भी ना करे यह कार्य
ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल बताते हैं कि पापांकुशा एकादशी के तिथि के दिन भूलकर भी तुलसी में जलअर्पण नहीं करना चाहिए और ना ही तुलसी का पत्ता तोड़ना चाहिए. इससे आपका व्रत खंडित हो सकता है और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 12, 2024, 12:51 IST