Dussehra 2024: इस मेले में किया जाता है झाड़-फूंक, तांत्रिक दिलाते हैं भूत-प्रेत से मुक्ति! अनोखी है यहां की परंपरा
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पूर्वी चंपारण:- नवरात्रि खत्म होने के साथ दशहरा पर अलग-अलग जगह मेले का आयोजन होता है. पूर्वी चंपारण के कई गांवों में नवरात्रि के दौरान झाड़-फूंक का मेला आयोजित होता है. ये आयोजन देवी स्थानों पर होते हैं, जहां भक्तों का दावा है कि देवी उनके ऊपर अवतरित होती हैं और वे झाड़-फूंक से लोगों की समस्याएं दूर करते हैं. इन मेलों में शामिल भक्तों और तांत्रिकों का कहना है कि देवी की कृपा से वे भूत-प्रेत और अन्य परेशानियों से पीड़ित लोगों को राहत दिलाते हैं. दूर-दूर से लोग इन मेलों में पहुंचते हैं, ताकि वे भी इस सेवा का लाभ उठा सकें.
कई गांवों में लगती है बड़ी भीड़
सिकरहाना अनुमंडल के श्याम बखरी और चिरैया प्रखंड के भलुअहिया गांव में इन मेलों के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं. यहां न सिर्फ ग्रामीण, बल्कि अन्य इलाकों से भी लोग झाड़-फूंक के लिए आते हैं. इन आयोजनों को लेकर लोगों की धारणा अलग-अलग है. कुछ लोग इसे गहरी आस्था का प्रतीक मानते हैं, तो वहीं कुछ इसे एक दिलचस्प दृश्य और मनोरंजन के रूप में देखते हैं. भक्तों और भूत-प्रेत से पीड़ित लोगों को देखना भी कुछ के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है.
अलग-अलग दिनों पर आयोजित होते हैं मेले
नवरात्रि के दौरान इन मेलों का आयोजन अलग-अलग दिनों में किया जाता है. कहीं मेला पहले दिन से ही शुरू हो जाता है, तो कहीं अष्टमी और नवमी के दिन विशेष रूप से झाड़-फूंक की प्रक्रिया की जाती है. देवी को प्रसाद के रूप में बताशा और मिठाइयां चढ़ाने की परंपरा भी इन मेलों का अहम हिस्सा होती है. लोगों की यहां भारी भीड़ उमड़ती है और सभी इस मेले का नजारा देख चौंक जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 12, 2024, 14:41 IST
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